जडेजा-एंडरसन विवाद पर टीम इंडिया को बड़ा झटका लगा है. टीम इंडिया के दावों से उलट मामले की सुनवाई कर रही जांच कमिटी ने इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन को बेगुनाह करार दिया है. आईसीसी द्वारा नियुक्त ज्यूडिशियल कमिश्नर गॉर्डन लुइस ने रवींद्र जडेजा को भी आईसीसी आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी नहीं पाया है. इसकी जानकारी आईसीसी ने बयान जारी करके दी.
इसके साथ यह साफ हो गया है कि एंडरसन मैनचेस्टर में होने वाले अगले टेस्ट मैच में खेलेंगे. वहीं, जडेजा की मैच फीस में 50 फीसदी की कटौती के फैसले को भी वापस ले लिया गया है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करीब 6 घंटे तक चली सुनवाई के बाद ज्यूडिशियल कमिश्नर ने अपना फैसला सुनाया. आईसीसी ने बयान जारी करके कहा, 'माननीय ज्यूडिशियल कमिश्नर गॉर्डन लुइस ने जेम्स एंडरसन और रवींद्र जडेजा को आईसीसी आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी नहीं पाया है.'
सुनवाई में टीम इंडिया और इंग्लैंड क्रिकेट टीम के कई खिलाड़ी पेश हुए. उन्होंने अपने-अपने पक्ष रखे. वहीं, दोनों पक्ष के वकील भी इस दौरान मौजूद थे. कमिटी ने उनसे भी पूछताछ की.
क्या है मामला?
10 जुलाई, 2014. पहले टेस्ट का दूसरा दिन. लंच से पहले रवींद्र जडेजा और जेम्स ऐंडरसन के बीच पहले मैदान पर झड़प हुई. फिर उसके बाद लंच के लिए पविलियन लौटते वक्त एंडरसन ना सिर्फ जडेजा बल्कि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से भी उलझ पड़े थे. उसके बाद क्या हुआ ये टेस्ट खत्म होने के बाद ही पता चला. आईसीसी आचार संहिता के लेवल तीन के तहत टीम इंडिया ने एंडरसन पर जडेजा के साथ बदतमीजी करने और धक्का मारने का आरोप जड़ा. तो, इंग्लैंड टीम ने भी जडेजा पर खेल भावना से खिलवाड़ का आरोप लगा डाला. आईसीसी ने गॉर्डन लुइस को ज्यूडिशियल कमिश्नर नियुक्त किया और शुरुआती सुनवाई के बाद एक अगस्त की तारीख फाइनल की गई. लेकिन, उससे पहले मैच रेफरी और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी डेविड बून ने लेवल 1 के तहत जडेजा पर जुर्माना लगाते हुए उनकी 50 फीसदी मैच फीस काट ली. ये एक ऐसा फैसला था जिससे कैप्टन कूल धोनी भी गुस्से में आगबबूला हो गए. टीम इंडिया ने इसके खिलाफ अपील करने का फैसला ले डाला. हैरानी की बात ये भी थी कि स्टेडियम में सीसीटीवी लगे होने के बावजूद ईसीबी के पास उस जगह की फुटेज नहीं थी जहां ये सारा विवाद हुआ था.