आईसीसी के ढांचे में आमूलचूल बदलाव के प्रस्ताव से संतुष्ट न्यूजीलैंड क्रिकेट ने बीसीसीआई की भूमिका का बचाव किया है.
आईसीसी में न्यूजीलैंड क्रिकेट के प्रतिनिधि मार्क स्नीडेन ने कहा कि यह प्रस्ताव न्यूजीलैंड क्रिकेट के लिये फायदेमंद होगा जिसे फिलहाल कुछ समय के लिये टाल दिया गया है. उन्होंने इस आलोचना को खारिज किया है कि यह आईसीसी की कमान अपने हाथ में लेने की भारत की कोशिश है.
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि पिछले कुछ साल में आईसीसी की दिक्कत यह थी कि भारत खेमे के भीतर होने की बजाय बाहर था. फिलहाल जो हो रहा है, वह भारत को फिर इसमें लाने की ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की कोशिश है. स्नीडेन ने कहा कि यदि इस प्रस्ताव पर अमल होता है तो न्यूजीलैंड क्रिकेट का राजस्व पांच करोड़ 20 लाख डॉलर से बढ़कर सात या दस करोड़ डॉलर हो जायेगा.
उन्होंने दुबई से न्यूजीलैंड रेडियो लाइवस्पोर्ट से कहा, 'पिछले सप्ताह मीडिया में काफी अटकलें थी कि बड़ी टीमों के आगे हमें ज्यादा कुछ नहीं मिलेगा और हम छोटी टीमों से ही खेलते रहेंगे. उन्होंने कहा, 'यह नहीं होने जा रहा. ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और भारत से अगले दस साल में हमें अच्छी खासी क्रिकेट खेलनी है.
उन्होंने कहा, 'इससे आईसीसी टूर्नामेंटों से हमारा राजस्व अगले आठ साल में पांच करोड़ 20 लाख डॉलर से बढ़कर सात या दस करोड़ तक हो जायेगा.
पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और बांग्लादेश इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं जिसके तहत आईसीसी में निर्णय लेने का अधिकार ऑस्ट्रेलिया, भारत और इंग्लैंड के पास चला जायेगा. स्नीडेन ने कहा, 'हम ऐसा कार्यक्रम बना रहे हैं जो एफटीपी से मिलता जुलता ही होगा. मैदान पर हमें इसके काफी अच्छे नतीजे मिलेंगे. पीसीबी, सीएसए और श्रीलंका क्रिकेट ने इस प्रस्ताव पर विचार करने के लिये और समय मांगा है.