जीत की हैट्रिक करने के बाद खिताब की दावेदार भारतीय टीम रविवार को अपने अंतिम ग्रुप लीग मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई टीम का सामना करेगी.
पाकिस्तान, वेस्टइंडीज और बांग्लादेश पर लगातार तीन मैचों में शानदार जीत दर्ज करके सेमीफाइनल के लिये क्वालीफाई करने के बाद भारतीय टीम का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है और अब टीम जॉर्ज बेली की ऑस्ट्रेलियाई से भिड़ने को तैयार है जिसने अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं किया है.
पाकिस्तान और वेस्टइंडीज के खिलाफ लगातार हार के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम टूर्नामेंट से लगभग बाहर है लेकिन गणना में उसकी क्षीण सी संभावना बनी हुई है जिससे टीम की मैच में दिलचस्पी बनी हुई है.
लेकिन ऐसा करने के लिये जॉर्ज बेली और उनकी टीम को भारत को बड़े अंतर से पराजित करना होगा, लेकिन दोनों टीमों की मौजूदा फॉर्म को देखते हुए यह संभावना भी कम ही दिखती है.
भारत का अभियान सभी मैचों में ऑल राउंड प्रदर्शन से मजबूत होता गया है, वहीं ऑस्ट्रेलियाई टीम मैच के उन महत्वपूर्ण क्षण में जूझती नजर आई जो टी20 जैसे प्रारूप में काफी अहम होते हैं.
भारत के लिये अहम चीज उनके स्पिनर होंगे जिन्होंने शानदार खेल दिखाया है. हालांकि रविंद्र जडेजा विकेट लेने के बावजूद थोड़े महंगे रहे हैं लेकिन ऑफ स्पिनर आर अश्विन और लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने टूर्नामेंट में निरंतर प्रदर्शन किया है. अश्विन ने पावरप्ले में जैसी गेंदबाजी की है, उनकी प्रशंसा की जानी चाहिए जबकि मिश्रा अपने चतुर वैरिएशन से भारत के लिये शानदार रहे हैं. दोनों अपने कप्तान की उम्मीदों पर खरा उतरे.
अश्विन ने पावरप्ले ओवर में शीर्ष क्रम को बमुश्किल रन दिये, हालांकि उन्होंने तीन मैचों में केवल तीन विकेट हासिल किये हैं लेकिन कप्तान उनके 12 ओवर में 5.16 ओवर के इकोनमी रेट से काफी गर्व महसूस करेंगे. धीमे गेंदबाजों में उनका इकोनमी रेट सर्वश्रेष्ठ रहा है.
मिश्रा की गुगली ज्यादातर बल्लेबाज समझ नहीं पा रहे हैं जबकि उन्होंने उछाल का इस्तेमाल बल्लेबाजों को धोखा देने में किया. ‘क्लासिकल’ लेग ब्रेक ने उन्हें विकेट दिलाये और उन्होंने तीन मैचों में 5.50 के इकोनमी रेट से सात विकेट हासिल किए.
धोनी की टूर्नामेंट में कप्तानी ‘ताजी हवा’ की तरह रही है, जिसमें उन्होंने अपने गेंदबाजी आक्रमण का इस्तेमाल अपनी मजबूती और सीमाओं को देखते हुए किया.
मोहम्मद शमी करीब 9 के इकोनमी रेट से अपनी काबिलियत के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाये, लेकिन पिच पर मूवमेंट ने भुवनेश्वर कुमार की मदद की. उन्होंने केवल पांच रन प्रति ओवर के इकोनमी रेट से तीन मैचों में नौ ओवर फेंके हैं. वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन ओवर में तीन रन का उनका प्रदर्शन शानदार रहा जिसने टीम की आसान जीत की नींव रखी. भारत का बल्लेबाजी लाइन अप भी पीछे नहीं रहा है और उन्होंने भी अपनी टीम के गेंदबाजों का पूरा साथ निभाया. विराट कोहली और रोहित शर्मा दो-दो अर्धशतकों से क्रमश: 147 और 142 रन बना चुके हैं. सुरेश रैना 36 रन से अगले सर्वश्रेष्ठ स्कोरर हैं जिन्हें पिछले मैच में खेलने का मौका नहीं मिला और उन्होंने इससे पहले मैच में विजयी रन बनाये थे. शिखर धवन और युवराज सिंह की असफलता रोहित और विराट के प्रदर्शन से ढक गई.
ऑस्ट्रेलिया के उनकी डेथ ओवर में गेंदबाजी समस्या है और बल्लेबाजों में केवल ग्लेन मैक्सवेल ही दो मैचों में 73 और 45 रन बनाकर अपनी सही क्षमता का प्रदर्शन कर पाये हैं. ब्रैड हॉज भी प्रभावशाली रहे हैं लेकिन डेविड वार्नर और शेन वाटसन के लगातार मैचों में असफल होने का असर उनके अभियान के लिये काफी नुकसानदायक रहा है.
इन खिलाड़ियों में से चुनी जाएगी टीम
भारत: महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), शिखर धवन, रोहित शर्मा, विराट कोहली, युवराज सिंह, सुरेश रैना, रविंद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन, भुवनेश्वर कुमार, अमित मिश्रा, मोहम्मद शमी, मोहित शर्मा, अंजिक्य रहाणे, वरुण एरॉन और स्टुअर्ट बिन्नी.
ऑस्ट्रेलिया : जॉर्ज बेली (कप्तान), एरॉन फिंच, डेविड वार्नर, शेन वाटसन, ग्लेन मैक्सवेल, ब्रैड हॉज, नाथन कोल्टर नील, मिशेल स्टार्क, डग बोलिंजर, जेम्स फॉकनर, ब्रैड हॉग, जेम्स मुईरहेड, कैमरन व्हाइट और डैन क्रिस्टियन.