भारत के महान एथलीट मिल्खा सिंह ने अपने मित्र के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि ध्यानचंद के बाद भारतीय हॉकी में कोई महान खिलाड़ी कहलाने का हकदार है, तो वह बलबीर सिंह सीनियर ही थे. पूर्व हॉकी कप्तान बलबीर सिंह सीनियर ने सोमवार की सुबह शहर के अस्पताल में अंतिम सांस ली.
बलबीर और मिल्खा अपने खेल में देश के लिए साथ ही शीर्ष स्तर पर खेले और यहां तक कि 1960 के दशक में पंजाब खेल विभाग में भी साथ ही काम करते थे.
'1956 ओलंपिक फाइनल में उंगली में फ्रैक्चर के बावजूद खेले थे बलबीर सिंह सीनियर'
‘फ्लाइंग सिख’ ने पीटीआई से कहा, ‘मेरा उनके साथ बहुत करीबी जुड़ाव था. तब पंजाब के मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों ने हमें खेल विभाग में शामिल किया था, जिसमें हम उप निदेशक के तौर पर जुड़े थे.’
नब्बे साल के मिल्खा ने कहा, ‘हम तीन दशक तक विभाग से जुड़े रहे जिसमें हमने खेल की टीम और साथ ही शारीरिक शिक्षा टीम के लिए काम किया.’
“The day our flag was hoisted in front of thousands at Wembley Stadium (1948) and the national anthem played, I felt like I was flying.” – 3-time Olympic Gold Medalist, Balbir Singh Sr.
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— Hockey India (@TheHockeyIndia) May 25, 2020
बलबीर सिंह सीनियर के नाम से जाना जाएगा मोहाली हॉकी स्टेडियम
उन्होंने कहा, ‘हम बहुत अच्छे मित्र थे. वह मेरे काफी करीब थे और मुझे बहुत दुख हो रहा है कि वह अब हमारे बीच नहीं हैं. ध्यानचंद के बाद अगर कोई महान हॉकी खिलाड़ी था तो वह बलबीर सिंह सीनियर थे. ’