भारत के एक विकलांग अंतरराष्ट्रीय एथलीट को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उस समय अपमानित होना पड़ा, जब उन्हें एमिग्रेशन काउंटर पर एक अधिकारी ने कहा, 'लंगड़ाकर चलने से कोई हैंडीकैप नहीं हो जाता. दूसरी लाइन में जा. तुझे कहां से मेडिकल सर्टिफिकेट मिला और इसके लिए तूने कितने पैसे चुकाए?'
प्रदीप राज नाम के इस एथलीट को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नेशनल यूथ अवॉर्ड से सम्मानित कर चुके हैं. प्रदीप असोसिएशन फॉर डिसेबल्ड पिपुल के जनरल सेक्रेटरी हैं. वो एक इंटरनेशनल मीट के लिए साउथ कोरिया जा रहे थे, जब इमिग्रेशन काउंटर नंबर 41 (डिसेबल्ड लोगों के लिए आरक्षित) पर एक सुरक्षाकर्मी ने उनके साथ बद्तमीजी की. ये घटना 22 सितंबर की है.
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, पैरालंपिक टेबल टेनिस खिलाड़ी बताया, 'इमिग्रेशन पर डिसेबल्ड लोगों के लिए अलग लाइन होती है. मैं उसी पंक्ति में खड़ा था. लेकिन दिल्ली पुलिस के कर्मचारी की ओर से पूछे गए इस बेमतलब सवाल से मैं हैरान रह गया.'
उन्होंने बताया कि मेरे मेडिकल सर्टिफिकेट से वह संतुष्ट नहीं हुआ और उसने मुझसे पूछा कि मेरी डिसेबिलिटी क्या है? प्रदीप के मुताबिक, 'उसने मुझे ये कहकर अपमानित किया कि लंगड़ाकर चलने से कोई हैंडीकैप नहीं हो जाता. दूसरी लाइन में जा.'
प्रदीप ने कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि व्हील चेयर पर बैठे लोग ही डिसेबल्ड होते हैं. प्रदीप एशिया पैसिफिक डिसेबल्ड पिपुल ऑर्गेनाइजेशन के सदस्य हैं और 22 से 25 सितंबर के बीच होने वाली एक वर्कशॉप में शामिल होने के लिए दक्षिण कोरिया जा रहे थे. उन्होंने एयरपोर्ट पर गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस में इस पूरी घटना की शिकायत की.