इंग्लैंड से टेस्ट सीरीज हारने के बाद टीम इंडिया के सामने अब वनडे सीरीज की पहाड़ सी चुनौती है. ऐसे में भारत के
4 आईआईटी इंजीनियर एक नए बैट के जरिए टीम इंडिया के लिए संभावित मदद की उम्मीद बनकर आए हैं.
आईआईटी के चार इंजीनियर की हमिंग व्हेल प्रोडक्ट इनोवेशन कंपनी ने एक ऐसा क्रिकेट बैट फॉल्कन ब्लेड बनाने का दावा किया है, जिससे बैटिंग करने के दौरान एज छूकर स्लीप्स की तरफ जाने वाली गेंद नीचे हो जाएगी. यह बैट स्वींग गेंद के बाद बल्लेबाजों के आउट होने की संभावनाओं को कम करेगा.
अभी इस्तेमाल किए जाने वाले साधारण ट्रैजटरी बैट पर स्विंग बॉल का जो असर होता है, नए बैट के इस्तेमाल से स्लिप्स की तरफ जाने वाली गेंद की स्पीड में भी कमी आएगी. इससे बॉल कम दूरी के साथ स्कॉयर पर गिरेगी. बैट को बनाने में थ्री टेपर का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे बैट की एज बॉल की गति को कम करेगी.
बैट को बनाने वाले इंजीनियर क्षीतिज ने बताया कि हम इनोवेशन को लेकर बैट पर काम कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में यह बैट नजर आएगा. हमने 2011 में अॉस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से लगातार टीम इंडिया को मिल रही हार के बाद इस बैट को तैयार करने का सोचा. इस बैट पर हमें विश्वास है कि यह एक दिन टीम इंडिया को जरूर फायदा पहुंचाएगा.
इंजीनियर्स ने इस बैट को एमसीसी को जांच के लिए दिया है. भारत के रिटायर्ड टॉप बल्लेबाज इस बैट की जांच कर रहे हैं जिसके बाद ही टीम इंडिया में बैट का भविष्य तय हो सकेगा.