धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाले इंसान उसेन बोल्ट के लिए साल 2016 खास रहा. आलोचकों और अपने फिटनेस व फॉर्म पर सवाल उठाने वालों को करारा जवाब देते हुए उन्होंने एक बार फिर साबित किया कि वो चुके हुए नहीं हैं.
रियो ओलंपिक में बोल्ट ने वो कर दिखाया जिसके लिए वो जाने जाते हैं. बोल्ट ने 21 साल की उम्र में अपना करियर शुरू किया था जिसे नौ साल बाद नौ गोल्ड के साथ रियो में खत्म किया. इस दौरान इस महान एथलीट के वर्ल्ड रिकॉर्ड और गोल्ड मेडल की चमक से जो इतिहास लिखा गया है उसे दशकों तक याद रखा जाएगा. रियो ओलंपिक 2016 इस महान एथलीट का आखिरी ओलंपिक था.
रियो ओलंपिक में रहा बोल्ट का जलवा
बीजिंग ओलंपिक 2008 के बाद लंदन ओलंपिक 2012 में 100 मीटर, 200 मीटर और चार गुणा 100 मीटर रिले दौड़ में लगातार गोल्ड की हैट्रिक लगाने वाले बोल्ट ने अपने आखिरी रियो ओलंपिक में भी तीनों इवेंट में गोल्ड जीते और अपने सपने ‘स्प्रिंट स्वीप’ को सच कर इन खेलों से विदाई ली. कोई भी एथलीट इस तरह खेलों से विदा लेने के सिर्फ सपने देख सकता है.
साल 2016 के बेस्ट एथलीट रहे बोल्ट
उसेन बोल्ट को इस साल ट्रैक एवं फील्ड का साल का सर्वश्रेष्ठ पुरुष एथलीट चुना गया है. उन्हें खेल की संचालन संस्था आईएएएफ के वार्षिक पुरस्कार के लिए छठी बार चुना गया. ओलंपिक से रिटायरमेंट के बाद उनकी नई पारी का इंतजार हर फैन को है. ट्रैक एंड फील्ड से बोल्ट ने जो चाहा वो उन्हें मिला.
रफ्तार के बादशाह हैं बोल्ट
धरती पर मौजूदा सबसे तेज धावक, वर्ल्ड चैंपियन, रफ्तार के बादशाह न जाने ऐसे कितने ही विशेषण बोल्ट के लिए इन नौ साल में गढ़े गए हैं और अब उनकी उपलब्धियों को बयां करने के लिए शब्द ही कम पड़ जाते हैं. एक बेहद खुशनुमा व्यक्ति, बेहद सफल एथलीट बोल्ट ने इतने लंबे अर्से में न तो अपने खेल को प्रभावित होने दिया और न ही दुनियाभर में फैले अपने प्रशंसकों को निराश किया. दुनिया भर के खेल प्रेमियों को उनपर सदा गर्व रहेगा.
बोल्ट जैसा कोई नहीं
बचपन से ही बोल्ट के अंदर एक दमदार एथलीट बनने का हुनर था. उन्होंने साल 2002 के विश्व जूनियर चैंपियनशिप से किंग्स्टन, जमैका के घरेलू प्रशंसकों के सामने खुद को साबित किया. 15 साल की उम्र में ही उनकी लंबाई (6.5 इंच) काफी बढ़ गई थी. वो शारीरिक रूप से अपने तमाम साथियों के बीच बड़े दिखने लगे थे. बचपन में बोल्ट ने 4×100 मीटर और 4×400 मीटर रिले दौड़ (39.15) सेकेंड और (3:04.06) के समय के साथ एक नया जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. बोल्ट की 200 मीटर स्पर्धा में हुई जीत ने उन्हें अब तक का सबसे कम उम्र का विश्व जूनियर स्वर्ण पदक विजेता बना दिया.
2004 में बोल्ट पेशेवर रनर बने
नए कोच फिट्ज कोलमैन के मार्गदर्शन में, बोल्ट 2004 में पेशेवर रनअर बने. जो बरमूडा में कारीएफटा खेलों के साथ शुरु हुआ. उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वो देखते ही देखते शिखर पर चढ़ते गए.
बोल्ट के रिकॉर्ड का कोई मुकाबला नहीं
बोल्ट का 100 मीटर में 9.58 सेकेंड का समय अब तक का सबसे तेज व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय है. मौजूदा ओलंपिक में बोल्ट के पास 9.683 सेकंड का दूसरा सबसे तेज (समय 9.683 सेकेंड) रिकॉर्ड है. साल 2008 के अमेरिकी ओलंपिक परीक्षण में टायसन गे ने 9.68 सेकेंड का समय दर्ज किया.
बोल्ट का 200 मीटर में व्यक्तिगत 19.19 सेंकेंड का समय विश्व रिकॉर्ड है. यह रिकार्ड बर्लिन में 2009 के विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में-0.3 सेकेंड की गति से सामने से आ रही हवा के बावजूद दर्ज किया गया था. उन्होंने 19.30 सेकेंड के समय (19.296 सेकेंड) के साथ ओलंपिक रिकार्ड भी तोड़ा, बर्लिन 2009 के पहले का विश्व रिकॉर्ड भी तोड़ा- और इस तरह माइकल जॉनसन का पिछला विश्व रिकॉर्ड और 19.32 सेकेंड का ओलंपिक रिकार्ड भी टूट गया.
बोल्ट और जॉनसन के रिकॉर्ड स्थापित करने वाली दौड़ के अगला सबसे तेज समय लगभग तीन दसवां अंश धीमा था. टायसन गे का सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत समय 19.58 सेकेंड रहा. IAAF के शीर्ष पांच धावकों में बोल्ट पहले गैर-अमेरिकी हैं.