बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहिए कि गुरुनाथ मयप्पन उनका दामाद है, बेटा नहीं...
दरअसल, आईसीसी के संविधान में विभिन्न देशों में खेल संरक्षकों के लिए विस्तार से लिखी गई नैतिक संहिता है. आईसीसी की नैतिक संहिता में जुए और सट्टेबाजी को लेकर खास नियम हैं, जिसके मुताबिक निदेशक या उसका समकक्ष और उसके परिवार के सदस्य ‘सट्टेबाजी व्यवसाय’ से जुड़ी किसी गतिविधि में शामिल नहीं हो सकते हैं. लेकिन इस नियम में दामाद का कोई जिक्र नहीं है.
आईसीसी नैतिक संहिता की धारा 7.2 (D) के मुताबिक, ‘एक निदेशक को संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया जाएगा, अगर उसके परिवार (पति, पत्नी, माता, पिता, भाई, बहन, बेटा या बेटी) के सदस्य का सट्टेबाजी व्यवसाय में हित है, सट्टेबाजी व्यवसाय से ठोस रिश्ता है या सट्टेबाजी व्यवसाय चलाने के लिए वह कर्मचारी की भूमिका निभा रहा है.’
अगर इस नियम के मुताबिक चला जाए, तो आईपीएल मैचों में सट्टेबाजी के आरोप में मयप्पन की गिरफ्तारी को श्रीनिवासन की ओर से आईसीसी संहिता का उल्लंघन नहीं कहा जा सकता.
श्रीनिवासन से कोलकाता में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पूछा गया कि क्या मयप्पन की गिरफ्तारी से धारा 7.2 (D) का उल्लंघन होता है, तो उन्होंने बेमन से जवाब दिया.
श्रीनिवासन ने कहा, ‘अगर आप आईसीसी नियमों की बात कर रहे हैं, तो मुझे इसे स्वयं देखना होगा. मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है. आपने इसे मेरे ध्यान में लाया, हम इसे देखेंगे और इसका विश्लेषण करेंगे. इस मुद्दे को आईसीसी को देखना है.’