अजिंक्य रहाणे ने टीम की कमान तब संभाली, जब एडिलेड टेस्ट में टीम को तीन दिनों के अंदर शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा और नियमित कप्तान विराट कोहली सीरीज के पहले टेस्ट मैच के बाद पितृत्व अवकाश पर भारत लौट गए.
विषम परिस्थितियों में विदेशी सरजमीं पर भारत को टेस्ट सीरीज की सबसे यादगार जीत दिलाने वाले अजिंक्य रहाणे ने कहा कि सभी खिलाड़ियों के योगदान के कारण वह कप्तान के तौर पर सफल रहे.
रहाणे और कोहली का व्यक्तित्व एक-दूसरे से काफी अलग है, लेकिन शांत रहने वाले रहाणे ने शानदार तरीके से टीम का नेतृत्व किया.
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कप्तानी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘देश का नेतृत्व करना सम्मान की बात है. यह मेरे बारे में नहीं, बल्कि टीम के बारे में था. मैं सफल रहा क्योंकि सभी ने योगदान दिया. हमारे लिए यह मैदान पर जज्बा और संघर्ष करने की भावना को दिखाने के बारे में था.’
रहाणे के शांत स्वभाव ने एडिलेड में मिली शर्मनाक हार से टीम को उबरने में मदद की. उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि एडिलेड के बारे में ज्यादा चर्चा नहीं की जाए.
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मेलबर्न में खेले गए दूसरे टेस्ट में उन्होंने शतकीय पारी खेलकर टीम की वापसी कराई. बार-बार मुश्किल परिस्थितियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमें उन संसाधनों के साथ संघर्ष करना था जो हमारे पास बचा था.
उन्होंने कहा, ‘एडिलेड टेस्ट के बाद यह वास्तव में कठिन था, लेकिन यह जज्बे और जूझारूपन दिखाने के बारे में था. हम परिणाम के बारे में बहुत ज्यादा नहीं सोच रहे थे. हम सिर्फ अच्छा क्रिकेट खेलना चाहते थे. इसमें सहायक सदस्यों सहित पूरे दल को इसका श्रेय जाता है.’
रहाणे अगले महीने इंग्लैंड के खिलाफ आगामी घरेलू सीरीज में कोहली के उत्तराधिकारी की भूमिका में वापसी करेंगे, लेकिन अभी वह इस जीत का लुत्फ उठाना चाहते हैं.
ऋषभ पंत के द्वारा विजयी चौका लगाने के बाद भावुक हुए रहाणे ने कहा, 'हम सभी को इस जीत का आनंद लेना चाहिए, न केवल हमें बल्कि हर भारतीय को इसका लुत्फ उठाना चाहिए. हमने यहां जो किया वह ऐतिहासिक है और हम आज रात इस जीत का जश्न मनाना चाहते हैं. भारत पहुंचने के बाद इंग्लैंड सीरीज के बारे में सोचेंगे.’
रहाणे ने युवा खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ाया, जिन्होंने अहम मौके पर शानदार प्रदर्शन किया. शुभमन गिल ने 91 रनों की पारी खेल भारत की जीत की नींव रखी, तो वही पंत ने नाबाद 89 रन बनाकर टीम को ऐतिहासिक सफलता दिलाई.
उन्होंने कहा, ‘गिल ने पिछले तीन टेस्ट मैचों में जिस तरह से बल्लेबाजी की वह वाकई बहुत अच्छी थी. वह वास्तव में इस मौके लिए तैयार थे. वह दबाव में शांत थे और आज सभी ने देखा कि वह क्या कर सकते हैं.’
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भारतीय कप्तान ने कहा, ‘हम वॉशिंगटन सुंदर की गेंदबाजी के बारे में जानते थे, लेकिन उन्होंने यहां अपने पहले टेस्ट की पहली पारी में शार्दुल ठाकुर के साथ जैसी बल्लेबाजी की वह वास्तव में अच्छा था. उन्होंने खुद के लिए एक मानदंड बना लिया है और मुझे यकीन है कि वे यहां से आगे बढ़ेंगे.’
ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलियाई टीम पिछले 32 साल से कोई टेस्ट नहीं हारी थी और ऐसे में 328 रनों के लक्ष्य का पीछा करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि टीम का ध्यान अपना नैसर्गिक खेल खेलने पर था.
उन्होंने कहा, ‘आज (मंगलवार) सुबह हमने नैसर्गिक क्रिकेट खेलने की बात की थी. इस दौरे में हमने जो किया वह बहुत कठिन था. हां, हम सत्र दर सत्र खेलना चाह रहे थे. चाय के समय के दौरान हमने ऋषभ को संदेश भेजा था, लेकिन वह लक्ष्य का पीछा करना चाहते थे. इसका श्रेय उन्हें और चेतेश्वर पुजारा को जाता है.’