मोहाली में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत की हैट्रिक लगा दी है. भारत ने 6 विकेट से जीत दर्ज करते हुए लगातार 3 मैचों में जीत दर्ज कर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इतिहास रचा और ‘बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी’ पर कब्जा जमा लिया. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अंत में तीन चौके जड़कर भारत को जीत दिलायी. भारतीय टीम के टेस्ट इतिहास में यह चौथा मौका है जब टीम ने किसी सीरीज में 3 मैच जीते हैं. यहीं नहीं यह सिर्फ तीसरा मौका है जब टीम किसी सीरीज में 3-0 से आगे है.
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ऑस्ट्रलिया के लिए हालात बेहद खराब हैं. भारत में खेले गए पिछले 10 में से 8 टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को हार का सामना करना पड़ा है. उनके पक्ष में अगर कोई बात जाती है तो वह यह कि पहले उनके बल्लेबाजों और बाद में गेंदबाजों ने भारतीय टीम को पूरे दिन जीत से दूर रखा और टीम इंडिया अंतिम ओवरों में जीत दर्ज कर पायी.
अंतिम 7 ओवरों में भारतीय क्रिकेट पशंसकों की सांसे थमी हुईं थी और चौथे दिन कि विकेट पर भारतीय कप्तान एक-एक गेंद छोड़ रहे थे और प्रशंसकों के मुंह से आह निकल रही थी.
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टेस्ट मैच को अक्सर रोमांचक नहीं माना जाता. लेकिन ऐसा सोचने वालों को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मोहाली में खेले गए इस मैच के आखिरी 7 ओवर जरूर देखने चाहिए ताकि उनकी राय टेस्ट मैच के बारे में बदल सके और वे टेस्ट मैच के असली रोमांच को महसूस कर सकें.
इस बीच 31वें ओवर की दूसरी गेंद पर सचिन तेंदुलकर का चौका प्रशंसकों के लिए ठंडी हवा का झौंका लेकर आया और इसी के साथ भारत का लक्ष्य भी 20 रन से नीचे पहुंच गया.
पहले ही टेस्ट मैच में 'शिखर पर धवन'
अंतिम चार ओवरों में भारत को जीत के लिए अब 17 रन की जरूरत थी और सचिन व धोनी मैदान पर टिके हुए थे. 32वें ओवर की पहली ही गेंद पर सचिन तेंदुलकर रन आउट हुए तो प्रशंसकों के बीच निराशा फैल गई, लेकिन लक्ष्य कम होने के कारण उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा.
32वें ओवर की तीसरी और पांचवी गेंद पर चौके जड़कर जड़ेजा ने भारत का लक्ष्य सिंगल डिजिट में ला दिया. 33वें ओवर की पहली गेंद पर धोनी ने चौका जड़ा तो भारत का स्कोर जीत से सिर्फ पांच रन दूर रह गया. इसी ओवर की दूसरी और तीसरी गेंद पर भी धोनी ने चौके जड़कर अपने ही स्टाइल में मैच समाप्त किया और इसी के साथ सीरीज पर भारत ने 3-0 से कब्जा जमा लिया.
इससे पहले जीत के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को पहली पारी में शानदार शतक जड़ने वाले मुरली विजय 26 के रूप में सिर्फ 42 रन के स्कोर पर पहला झटका लगा. इसके बाद स्कोर 70 रन पर पहुंचा था तो चेतेश्वर पुजारा 28 रन बनकार पवेलियन लौट गए. 103 के स्कोर पर विराट कोहली के रूप में भारत को तीसरा झटका लगा. 116 के स्कोर पर सचिन तेंदुलकर भी आउट हो गए.
मुरली विजय को डोहर्टी की गेंद पर विकेटकीपर हेडिन ने स्टंप आउट किया. पुजारा स्पिनर नैथन ल्योन की फिरकी में फंस गए ओर एलबीडब्ल्यू आउट हो गए. विराट कोहली को पीटर सिडल ने फिलिप ह्यूग्स के हाथों 34 रन के निजी स्कोर पर कैच करवाया. सचिन तेंदुलकर ने 21 रन बनाए और उन्हें वार्नर ने रन आउट किया.
ऑस्ट्रलिया की ओर से पीटर सिडल, नैथन ल्योन और जेवियर डोहर्थी ने एक-एक विकेट झटके जबकि ऑस्ट्रलिया को सचिन तेंदुलकर का विकेट रन आउट के रूप में मिला.
स्टार्क और डोहर्थी के रूप में ऑस्ट्रेलिया की अंतिम जोड़ी ने दूसरी पारी में सर्वाधिक 44 रन की साझेदारी की. भारत की ओर से भुवनेश्वर कुमार और रविंद्र जडेजा को तीन-तीन विकेट मिले वहीं ओझा और अश्विन को दो-दो विकेट मिले.
मोहाली टेस्ट के आखिरी दिन टीम इंडिया जीत की जीतोड़ कोशिश में है. इसे लेकर गेंदबाजों की कोशिशों ने रंग लाना भी शुरू कर दिया.
ऑस्ट्रेलिया आठ विकेट गंवाकर संकट में फंस गई है. पांचवें दिन का खेल शुरू होते ही भारतीय स्पिनरों ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को लगातार झटके देने शुरू कर दिए.
सबसे पहले प्रज्ञान ओझा ने नेथन लियॉन को पवेलियन भेजा. लियॉन नाइट वॉचमैन के तौर पर मैदान में उतरे थे. इसके बाद रवींद्र जडेजा ने माइकल क्लार्क को 18 रन के स्कोर पर आउट कर दिया.
ऑस्ट्रेलिया को छठा झटका फिल ह्यूज के रूप में लगा. ह्यूज को अश्विन ने पवेलियन भेजा. हेनरिक्स भी ज्यादा देर नहीं टिके और उन्हें जडेजा ने सस्ते में निपटा दिया. आठवां विकेट पीटर सिडल के रूप में गिरा.