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सर ब्रैडमैन, गावस्‍कर के बाद क्‍या कोटला में इतिहास रचेंगे धोनी के धुरंधर

पूरे देश के साथ ही दिल्‍ली के फिरोजशाह कोटला को भी धोनी के धुरंधरों की जीत का बेसब्री से इंतजार है. चेन्नई, हैदराबाद और मोहाली में विजय की पताका फहराने के बाद अब महेंद्र सिंह धोनी के धुरंधर शुक्रवार को इतिहास रचने के इरादे से चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फिरोजशाह कोटला मैदान पर उतरेंगे.

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महेंद्र सिंह धोनी
महेंद्र सिंह धोनी

पूरे देश के साथ ही दिल्‍ली के फिरोजशाह कोटला को भी धोनी के धुरंधरों की जीत का बेसब्री से इंतजार है. चेन्नई, हैदराबाद और मोहाली में विजय की पताका फहराने के बाद अब महेंद्र सिंह धोनी के धुरंधर शुक्रवार को इतिहास रचने के इरादे से चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फिरोजशाह कोटला मैदान पर उतरेंगे.

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अगर टीम इंडिया दिल्ली में जीत दर्ज करती है तो टीम 81 साल के टेस्ट इतिहास में पहली बार कोई सीरीज 4-0 से जीतने में सफल होगी. निश्चित तौर पर यह उस टीम के लिए महान पल होगा, जो 27 वर्ष की औसत उम्र के साथ मिजाज से तो नौजवान है लेकिन खेल के लिहाज से परिपक्व होती दिख रही है.

अपने 65 साल के इतिहास में अनेकों कीर्तिमान का गवाह रहे कोटला को भी इस ऐतिहासिक पल का बेसब्री से इंतजार होगा. यह वही मैदान है, जहां सुनील गावस्कर ने सर डॉन ब्रैडमैन के 29 शतकों के कीर्तिमान की बराबरी की थी. यह वही मैदान है जहां अनिल कुम्बले ने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच की एक पारी में सभी 10 विकेट लेकर ग्लेन टर्नर की महान उपलब्धि की बराबरी की थी.

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अब यही मैदान अपने युवा बांकुरों को एक ऐसी सफलता हासिल करते हुए देखने को बेताब होगा, जिसे 81 साल के इतिहास में 250 से अधिक टेस्ट स्टार नहीं हासिल कर सके. भारत के क्वीन स्विप करने और एक इतिहास रचने की राह में कोटला की पिच भी सहायक हो सकती है. पिच पर घास नहीं है और इसके शुरुआती दो दिनों में बल्लेबाजों को और फिर स्पिनरों को मदद पहुंचाने की उम्मीद जताई गई है. चौथे और पांचवें दिन तो यह विदेशी बल्लेबाजों के लिए बेहद खतरनाक रूप ले लेती है.

ऐसे में भारत अपने तीनों स्पिन गेंदबाजों-रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और प्रज्ञान ओझा के साथ ही खेलना चाहेगा. इन तीनों ने मोहाली में आपस में विकेट बांटते हुए जीत दिलाई थी. तेज गेंदबाजी की कमान भुवनेश्वर कुमार और इशांत शर्मा पर ही रहेगी. मोहाली में अपने करियर के पहले ही मैच में रिकॉर्ड शतक लगाने वाले दिल्ली के हीरो शिखर धवन चोटिल हैं और उनके जगह अजिंक्य रहाणे को टेस्ट करियर के आगाज का मौका मिलने की पूरी सम्भावना है. वैसे तो कायदे से यह स्थान गौतम गम्भीर को मिल रहा था लेकिन पीलिया होने के कारण वह भी खेलने की स्थिति में नहीं हैं.

रहाणे बिना कोई मैच खेले 11 महीने से भारतीय टीम के साथ हैं. अब जबकि उनका पर्दापण करना निश्चित दिखाई दे रहा है, तो दिल्ली के क्रिकेटप्रेमियों और टीम को उनसे उसी तरह की बल्लेबाजी की उम्मीद है, जैसी कि वे ट्वेंटी-20 मैचों में किया करते हैं. भारतीय टीम के लिए सबकुछ अच्छा चल रहा है लेकिन ऑस्ट्रेलिया के लिए मुश्किलों का अंत नहीं है. बल्लेबाजी और गेंदबाजी में प्रभावित करने वाले मिशेल स्टार्क स्वदेश लौट चुके हैं और कप्तान माइकल क्लार्क की कमर में दर्द है. अच्छी बात यह है कि उपकप्तान शेन वॉटसन अपने बच्चे के जन्म के बाद भारत लौट चुके हैं.

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क्लार्क शुक्रवार को टॉस के लिए आएंगे या नहीं, यह साफ नहीं हो सका है. वैसे क्लार्क के नहीं खेलने की स्थिति में वॉटसन को आस्ट्रेलिया का 44वां टेस्ट कप्तान बनने का गौरव प्राप्त होगा। टीम की ओर से एड कोवान ने वॉटसन के प्रति बुधवार को ही विश्वास जाहिर किया था. उम्मीद है कि बच्चे के जन्म के बाद वॉटसन की बदकिस्मती उन्हें छोड़कर चली गई होगी और अब वे न सिर्फ बल्लेबाजी में सफल होकर अपने टीम का नेतृत्व करेंगे, बल्कि एक कप्तान के तौर पर भी सफल रहेंगे और अपनी टीम टीम को आत्मविश्वास लौटाने वाली जीत दिलाना चाहेंगे.

कोटला में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच यह सातवां मैच होगा. अब तक भारत को दो मैचों में जीत मिली है जबकि एक में ऑस्ट्रेलिया जीता है. तीन मैच बराबरी पर छूटे हैं. भारत ने 1996 और 1969 में ऑस्ट्रेलिया को हराया था.

इस मैदान पर भारत बीते 26 साल से कोई टेस्ट नहीं हारा है। उसे अंतिम बार 1987 में वेस्टइंडीज ने पांच विकेट से हराया था. अब देखना यह है कि धौनी के युवा साथी इस रिकार्ड को बरकरार रखने के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया को 4-0 से हराकर एक इतिहास कायम कर पाते हैं या नहीं.

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