भारतीय स्पिनरों से जूझ रहे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को 22 मार्च से चौथे टेस्ट मैच में फिरोजशाह कोटला की उस पिच पर खेलने के लिये उतरना है जो परंपरागत तौर पर स्पिन गेंदबाजों को मदद पहुंचाती रही है.
कोटला पर स्पिनरों का कितना दबदबा रहा है, उसकी एक बानगी इन आंकड़ों को देखकर लगायी जा सकती है. कोटला पर भारत ने अब तक 31 टेस्ट मैच खेले हैं. इनमें उसने 57 स्पिनरों का उपयोग किया जिन्होंने 296 विकेट लिये.
इस बीच भारत ने 50 तेज या मध्यम गति के गेंदबाजों को भी आजमाया जो केवल 129 विकेट ही ले पाये. माइकल क्लार्क की टीम मौजूदा सीरीज में रविचंद्रन अश्विन, प्रज्ञान ओझा और रविंदर जडेजा की स्पिन से जूझती रही है.
भारत अगर अब क्लीन स्वीप पर नजर गड़ाये बैठा है तो इसका काफी श्रेय उसके स्पिनरों को जाता है जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया की कमजोरी का पूरा फायदा उठाया. भारतीय टीम प्रबंधन को पता है कि कोटला में भारत को हमेशा स्पिनरों ने ही जीत दिलायी है और वह इसके मिजाज में किसी तरह का बदलाव नहीं चाहता है.
भारत ने कोटला में अब तक 11 मैच जीते हैं. इनमें उसने 34 स्पिनरों का उपयोग किया जिन्होंने 163 विकेट लिये. इन मैचों में तेज गेंदबाज केवल 48 विकेट ही हासिल कर पाये. यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया ने भी कोटला पर एकमात्र मैच स्पिनरों के दम पर ही जीता था.
ऑस्ट्रेलिया ने इस मैदान पर यह मैच लगभग 53 साल पहले 1959 में जीता था. उस मैच में रिची बेनो की अगुवाई में उसके स्पिनरों ने 13 विकेट हासिल किये थे जबकि उसके तेज गेंदबाज छह विकेट ही ले पाये थे.
भारत के बाद कोटला पर सर्वाधिक तीन मैच इंग्लैंड ने जीते हैं और इनमें उसके स्पिनरों ने 25 विकेट लिये. वेस्टइंडीज ने जब कोटला में दो मैच में जीत दर्ज की तब उसकी तेज गेंदबाजी का बोलबाला था. इसके बावजूद उसके स्पिन गेंदबाजों को भी दस विकेट लिये थे.
भारत ने ऑस्ट्रेलिया को कोटला पर दो मैचों में हराया और उसमें स्पिनरों ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी की कमर तोड़कर रख दी. भारत ने पहली बार 1969 में बिल लारी की टीम को सात विकेट से हराया था. इस मैच में स्पिनरों 19 विकेट लिये, बिशन सिंह बेदी और ईरापल्ली प्रसन्ना ने नौ-नौ विकेट हासिल किये थे. इन दोनों ने दूसरे पारी में पांच-पांच विकेट लेकर ऑस्ट्रेलियाई टीम को 107 रन पर ढेर कर दिया था.
इसके बाद 1996 में भी भारत ने ऑस्ट्रेलिया को सात विकेट से ही हराया था. इस मैच में भारतीय स्पिनरों ने 14 विकेट लिये थे. पाकिस्तान के खिलाफ कोटला पर ही ‘परफेक्ट टेन’ का कारनामा करने वाले अनिल कुंबले ने उस मैच में नौ विकेट लिये थे. उनके अलावा आशीष कपूर ने तीन और सुनील जोशी ने दो विकेट लेकर उन्हें पूरा सहयोग दिया था.
कुंबले की कलाकारी के सामने ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 182 और दूसरी पारी में 234 रन पर आउट हो गया था. रिकॉर्ड के लिये बता दें कि कुंबले ने कोटला पर सर्वाधिक 58 विकेट लिये हैं.