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धोनी की नजर में भारत-पाकिस्तान के बीच पहले जैसी प्रतिद्वंद्विता नहीं

जावेद मियादाद और सचिन तेंदुलकर के दिनों से भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैचों के दौरान कुछ शानदार पल देखने को मिले, जिसमें कुछ रोचक तो कुछ विवादास्पद रहे. भारत और पाकिस्तान के बीच ऐसा 'हाईवोल्टेज' मुकाबला होता है जिसका दोनों देशों के क्रिकेट फैन्स तो बेसब्री से इंतजार होता है.

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एम एस धोनी
एम एस धोनी

जावेद मियादाद और सचिन तेंदुलकर के दिनों से भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैचों के दौरान कुछ शानदार पल देखने को मिले, जिसमें कुछ रोचक तो कुछ विवादास्पद रहे. भारत और पाकिस्तान के बीच ऐसा 'हाईवोल्टेज' मुकाबला होता है जिसका दोनों देशों के क्रिकेट फैन्स तो बेसब्री से इंतजार होता है.

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सुनील गावस्कर ने अपनी ‘वनडे वंडर्स’ में लिखा था कि पाकिस्तान ऐसी इंटरनेशनल टीम है जिसके खिलाफ वह अंपायर की उंगली उठने तक कभी अपना विकेट नहीं छोड़ेंगे चाहे उन्हें यह पता भी हो कि वह आउट हैं. अब वे दिन लद चुके हैं. विरोधी टीमों के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और मोहम्मद हफीज से पूछिए तो आपको पता चल जाएगा कि भारत-पाकिस्तान प्रतिद्वंद्विता का तीखापन कम हो गया हालांकि ये दोनों टीमें आईसीसी टूर्नामेंटों से इतर बहुत कम खेलती हैं.

धोनी की नजर में कम हुई प्रतिद्वंद्विता...
धोनी के अनुसार, ‘सही भावना से खेलना' सीमा लांघने से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है.' जबकि हफीज यह साफ कर देना चाहते हैं कि किसी एक मैच के बजाय टी20 वर्ल्ड कप का खिताब अधिक अहम है. इन दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच मुकाबले की लोकप्रियता कम होने के बारे में पूछे जाने पर धोनी ने कहा, ‘हां, भारत बनाम पाकिस्तान मुकाबला हमेशा महत्वपूर्ण रहेगा लेकिन मेरा मानना है कि पिछले कुछ सालों से प्रतिद्वंद्विता में कमी आई है. अब आपको पिछली पीढ़ी के खिलाड़ियों की तरह आपस में उलझने की घटनाएं देखने को नहीं मिलेंगी.’

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PAK कप्तान भी नहीं आक्रामक तेवर में
हफीज से पूछा गया कि वह पाकिस्तानी फैन्स के बारे में क्या सोचते हैं जो चाहते हैं कि पाकिस्तान टी-20 वर्ल्ड कप जीते या न जीते लेकिन भारत को हराने में सफल रहे. उन्होंने कहा, ‘फैन्स की अपेक्षाओं के बारे में जानना अच्छा है लेकिन हम टी-20 वर्ल्ड कप जीतना पसंद करेंगे. इसके लिए हमें अच्छी शुरुआत करनी होगी और ये मैच जीतना होगा. अगर खिलाड़ी एक समय पर एक मैच पर ध्यान देंगे तो अच्छा प्रदर्शन करेंगे लेकिन हम निश्चित तौर पर इस मैच पर ध्यान दे रहे हैं.’

... तो अब मैदान पर नहीं भिड़ेंगे भारत-PAK खिलाड़ी
दोनों टीमों के कप्तान जब ऐसा सोचते हैं तो फिर वेंकटेश प्रसाद ने बेंगलुरु में जिस तरह से आमिर सोहेल को पवेलियन लौटने का इशारा किया था, शायद ही मोहम्मद शमी किसी पाकिस्तानी बल्लेबाज के लिए ऐसा करें या सिडनी में किरण मोरे के चिढ़ाने पर जिस तरह से जावेद मियादाद उछलने लगे उस तरह का व्यवहार उमर अकमल से शायद ही देखने को मिले.

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