पहले टेस्ट में शानदार जीत दर्ज करने के बाद आत्मविश्वास से लबरेज भारतीय टीम शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू हो रहे दूसरे क्रिकेट टेस्ट में इस प्रदर्शन को दोहराकर अपराजेय बढत लेने के इरादे से उतरेगी.
दोहरा शतक जमाने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और 12 विकेट लेने वाले ऑफ स्पिनर आर अश्विन के शानदार प्रदर्शन के दम पर पहला मुकाबला जीतने वाली भारतीय टीम को आत्ममुग्धता से बचना होगा.
धोनी एंड कंपनी को यह सुनिश्चित करना होगा कि इंग्लैंड की तरह ऑस्ट्रेलियाई टीम भी सीरीज में पिछड़ने के बाद वापसी ना करने पाये. एलेस्टेयर कुक की अगुवाई वाली इंग्लैंड टीम ने पिछली टेस्ट सीरीज 2-1 से जीती थी.
टेस्ट क्रिकेट में काफी समय से खराब प्रदर्शन कर रही भारतीय टीम के लिये धोनी का शानदार फार्म संजीवनी साबित हुआ है. धोनी इस समय मोर्चे से अगुवाई कर रहे हैं.
पिछली बार राजीव गांधी स्टेडियम पर भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ एक पारी और 115 रन से जीत दर्ज की थी जिसमें अश्विन ने 85 रन देकर 12 विकेट लिये थे.
वह मैच तीसरे ही दिन खत्म हो जाता यदि बारिश की गाज नहीं गिरी होती. टीम इंडिया के लिये अच्छी बात यह है कि अश्विन इस समय भी बेहतरीन फार्म में हैं और सीरीज में अहम भूमिका निभायेंगे. मेजबान टीम के सामने चयन की भी कोई दुविधा नहीं है.
उसे हालांकि यह तय करना होगा कि स्थानीय खिलाड़ी प्रज्ञान ओझा को उनके घरेलू मैदान पर उतारा जाये या नहीं. चेन्नई में भले ही मुरली विजय और वीरेंद्र सहवाग फ्लॉप रहे हों लेकिन धोनी और टीम प्रबंधन सलामी जोड़ी के साथ छेड़छाड़ नहीं करना चाहेगा.
भारतीय कप्तान विजयी टीम में अधिक बदलाव के हिमायती नहीं रहते हैं. मध्यक्रम में कोई बदलाव की गुंजाइश नहीं हैं. ऐसे में सवाल एक ही है कि चेन्नई में उपेक्षा का शिकार हुए ओझा को अपने घरेलू मैदान पर खेलने का मौका मिलता है या नहीं.
धोनी को गेंदबाजी संयोजन पर विचार करना होगा. ओझा सौराष्ट्र के हरफनमौला रविंद्र जडेजा से कहीं बेहतर विकल्प है लेकिन जडेजा ने पहले टेस्ट में पांच विकेट लेकर अश्विन का बखूबी साथ निभाया. हरभजन सिंह पहली पारी में सर्वश्रेष्ठ फार्म में नहीं दिखे लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया.
भारत चार स्पिनरों को लेकर उतरने की गलती नहीं करना चाहेगा जैसा इंग्लैंड के खिलाफ नागपुर में किया था. ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बनाने के लिये हालांकि एक तेज गेंदबाज की एवज में ओझा को उतारना होगा.
ईशांत शर्मा और भुवनेश्वर कुमार पुरानी गेंद से रिवर्स स्विंग पैदा नहीं कर पा रहे और ना ही उनसे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को कोई परेशानी हो रही है. इनमें से एक को बाहर किया जा सकता है. दूसरी ओर ऑस्ट्रेलियाई टीम दूसरे विशेषज्ञ स्पिनर को लेकर उतरना चाहेगी.
कप्तान माइकल क्लार्क को बखूबी पता है कि नाथन लियोन किसी भी मायने में ग्रीम स्वान की तरह बेहतरीन स्पिनर नहीं है और ना ही बायें हाथ के स्पिनर जेवियर डोहर्टी में मोंटी पनेसर जैसी काबिलियत है.
अभ्यास मैचों में डोहर्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा. वहीं आईपीएल के ‘मिलियन डॉलर खिलाड़ी’ बने ग्लेन मैक्सवेल को हरफनमौला होने के कारण मौका मिल सकता है. डोहर्टी को तेज गेंदबाज पीटर सिडल या मिशेल स्टार्क की जगह उतारा जा सकता है.
ऑस्ट्रेलिया के मध्यक्रम के बल्लेबाज अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सके हैं लिहाजा कुछ बदलाव मुमकिन है. फिलीप ह्यूज स्पिनरों को बखूबी नहीं खेल पाये. उनकी जगह उस्मान ख्वाजा को मौका मिल सकता है. शेन वाटसन को भी तीसरे नंबर पर खिसकाया जा सकता है.
दोनों टीमें इस प्रकार हैं:
भारत- महेंद्र सिंह धोनी, वीरेंद्र सहवाग, मुरली विजय, शिखर धवन, चेतेश्वर पुजारा, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, रविंद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन, हरभजन सिंह, प्रज्ञान ओझा, ईशांत शर्मा, अशोक डिंडा, भुवनेश्वर कुमार.
ऑस्ट्रेलिया- माइकल क्लार्क, एड कोवान, डेविड वार्नर, फिल ह्यूज, शेन वाटसन, मैथ्यू वेड, ग्लेन मैक्सवेल, मिशेल जानसन, पीटर सिडल, मिशेल स्टार्क, नाथन लियोन, मोइजेस हेनरिक्स, जेम्स पेटिंसन, जेवियर डोहर्टी, जैकसन बर्ड, उस्मान ख्वाजा, स्टीव स्मिथ.