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पुजारा ने पूरे किए 1000 टेस्ट क्रिकेट रन

खुद पर भरोसा, तकनीक में माहिर, लंबी पारी खेलने का धैर्य और गेंद को तेजी से पढ़ने का हुनर. ये सभी गुण अगर नए बल्लेबाज में हो तो उसे चमकने से कोई नहीं रोक सकता और ये सभी गुण उभरते टेस्ट क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा में कूट-कूट कर भरे हुए हैं.

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चेतेश्वर पुजारा
चेतेश्वर पुजारा

खुद पर भरोसा, तकनीक में माहिर, लंबी पारी खेलने का धैर्य और गेंद को तेजी से पढ़ने का हुनर. ये सभी गुण अगर नए बल्लेबाज में हो तो उसे चमकने से कोई नहीं रोक सकता और ये सभी गुण उभरते टेस्ट क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा में कूट-कूट कर भरे हुए हैं.

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हैदराबाद में जिस होशियारी से इस होनहार ने अपनी पारी को बुना है, उसने कंगारुओं के होश तो उड़ा ही दिए, नंबर तीन पर एक खालीपन को भरने की ईमानदार कोशिश भी दिखाई है.

हौसले बढ़ाने वाली बात ये है कि चेतेश्वर लगातार बड़ी पारियां खेलने में माहिर रहे हैं और इसका नतीजा फिर उसी मैदान पर दिखा है जहां उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट शतक जमाया था.

भारतीय क्रिकेट की इस चट्टान को जैसे लंबी पारियों से एक अजीब सा इश्क है. आपको जानकर हैरत होगी कि फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनका बल्ला दो बार 300 से ज्यादा का स्कोर छू चुका है. एक बार नजरें टिक जाएं तो फिर उनकी आंखों में तीन अंकों का सपना तैरने लगता है. इसीलिए उनका कनवर्जन रेट भी जबरदस्त है.

चेतेश्वर पुजारा ने लगे हाथों हैदराबाद में 1000 टेस्ट रनों का आंकड़ा भी पार कर लिया. भारतीय क्रिकेट में सिर्फ विनोद कांबली ही इकलौते क्रिकेटर हैं जिन्होंने उनसे तेज 1000 टेस्ट रन बटोरे हैं.

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मुरली विजय के साथ उनकी 300 रन से ज्यादा की साझेदारी ही थी जिसने टीम इंडिया को रनों का पहाड़ खड़ा करने की हसरत जगाई. पुजारा ने टीम में आते ही द्रविड़ की कमी को दूर करना शुरू कर दिया है और टीम इंडिया के ‘दूसरे वॉल’ की संज्ञा भी पा रहे हैं.

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