अभी तक शानदार प्रदर्शन करती आ रही भारतीय हॉकी टीम चैम्पियंस ट्रॉफी के अपने अंतिम पूल मैच में गुरुवार को मजबूत टीम ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगी. भारतीय टीम को अगर इस मैच में जीत मिलती है तो वह फाइनल में पहुंच जाएगी. ऑस्ट्रेलिया की टीम पहले ही फाइनल में जगह बना चुकी है.
दो महीने पहले ऑस्ट्रेलिया ने इपोह में हुए सुल्तान अजलन शाह कप में भारत को दो बार मात दी थी. भारत को दोनों बार चार गोल के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. इपोह में लीग मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम को 5-1 से हराया था. इसी कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 4-0 से मात देकर खिताब अपने नाम किया था.
ऑस्ट्रेलिया के लिए भारतीय चुनौती आसान नहीं
भारतीय टीम का चैम्पियंस ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन रहा है. उसने ब्रिटेन और दक्षिण कोरिया को अपने शानदार खेल के बलबूते मात दी तो वहीं मजबूत जर्मनी के
खिलाफ मैच ड्रॉ करवाने में सफलता हासिल की है. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के लिए भारतीय चुनौती आसान नहीं होगी.
ऑस्ट्रेलिया के लिए गुरुवार को होने वाले मुकाबले में सबसे बड़ा झटका पेनाल्टी कार्नर विशेषज्ञ क्रिस सिरिलो का चोटिल होना है. इस बात की भी संभावना है कि वह भारत के खिलाफ मैदान पर न उतरें.
भारत के फाइनल में पहुंचने की संभावना
ऑस्ट्रेलिया की टीम इस समय चार मैचों में 10 अंकों के साथ शीर्ष पर बनी हुई है. वहीं भारत अंकतालिका मे सात अंकों के साथ दूसरे स्थान पर है. इस मैच में जीत
भारत को फाइनल का टिकट दिलाएगी. अगर इस मैच का नतीजा ड्रॉ भी रहता है तो भी भारत के फाइनल में पहुंचने की संभावना है.
भारत के अलावा ब्रिटेन और बेल्जियम की टीमें भी फाइनल की दौड़ में बनी हुई हैं. ब्रिटेन ने चार मैचों में एक जीत और एक हार दर्ज की है जबकि उसके दो मैच ड्रॉ रहे हैं. वह अंकतालिका में पांच अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है. बेल्जियम के हिस्से में एक जीत दो हार और एक ड्रॉ है. वह चार अंकों के साथ चौथे स्थान पर है.
दक्षिण कोरिया को चार मैचों में से तीन में हार मिली थी. वह तीन अंकों के साथ पांचवें स्थान पर है. वहीं जर्मनी अपने चार मुकाबलों में एक भी जीत हासिल नहीं कर पाई है. उसके हिस्से में एक हार और तीन ड्रॉ हैं. वह तीन अंकों के साथ अंकतालिका में सबसे नीचे बनी हुई है.
अगर भारत ऑस्ट्रेलिया से हार जाता है और ब्रिटेन की टीम बेल्जियम को हरा देती है तो ब्रिटेन को फाइनल का टिकट मिल जाएगा. अगर ब्रिटेन और बेल्जियम के बीच मैच ड्रॉ रहता है तो भारत फाइनल में पहुंच सकता है. भारत को चैम्पियंस ट्रॉफी में एकमात्र कांस्य पदक 1982 में मिला था.