टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 7 मैचों की वनडे सीरीज के पहले मैच में 72 रनों की करारी हार झेलनी पड़ी. ऑस्ट्रेलिया ने मेजबान टीम के सामने 305 रनों का विशाल लक्ष्य रखा था, जवाब में टीम इंडिया महज 232 रनों पर सिमट गई. ऑस्ट्रेलियाई कप्तान जॉर्ज बेली को उनकी शानदार पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया.
शुरू में ही लड़खड़ा गई टीम इंडिया
305 रनों के लक्ष्य का दबाव टीम इंडिया पर शुरू से ही दिखा. रोहित शर्मा और शिखर धवन ने पारी का आगाज किया और पहले पांच ओवरों में महज 15 रन बना पाए थे. सातवें ओवर की दूसरी गेंद पर भारत को पहला झटका लगा. शिखर धवन (7) जेम्स फॉकनर की गेंद पर विकेट के पीछे ब्रैड हैडिन के हाथों लपके गए. इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली ने रोहित शर्मा (42) के साथ दूसरे विकेट की साझेदारी में 40 रन जोड़े. शर्मा 14वें ओवर की पांचवीं गेंद पर स्लिप पर कैच थमा बैठे. शेन वाटसन ने उन्हें फिलिप ह्यूज के हाथों लपकवाया. शर्मा ने 47 गेंदों का सामना करते हुए छह चौके लगाए.
रैना और कोहली ने संभाली पारी
शर्मा के बाद चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करने उतरे सुरेश रैना और कोहली के बीच सबसे बड़ी भारतीय साझेदारी हुई. रैना और कोहली ने तीसरे विकेट की साझेदारी में 71 रन जोड़े. 28वें ओवर की दूसरी गेंद पर रैना फॉकनर का शिकार बने. रैना का कैच जेवियर डोर्थी ने लपका. रैना ने 45 गेंदों में दो चौके और एक छक्का लगाया.
बल्ले से नाकाम रहे युवी
करीब एक साल बाद किंगमेकर बनकर वापसी करने वाले युवराज सिंह (7) भी कुछ खास नहीं कर सके और मिशेल जॉनसन की गेंद पर ह्यूज को कैच थमा चलते बने. भारतीय पारी की आखिरी उम्मीद के रूप में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (19) और रवींद्र जडेजा (11) की जोड़ी ने इसके बाद संभलकर खेलते हुए छठे विकेट के लिए 26 रन ही जोड़े थे कि जडेजा फॉकनर का अगला शिकार बन गए. उनका कैच आस्ट्रेलियाई कप्तान जॉर्ज बेली ने लिया. अगले ही ओवर में धोनी भी क्लाइंट मैके की गेंद पर क्लीन बोल्ड हो गए, और इसके साथ ही भारत की जीत की उम्मीदें भी ध्वस्त हो गईं.
नहीं टिक सके पुछल्ले बल्लेबाज भी
नौवें विकेट की साझेदारी में विनय कुमार (11) और भुवनेश्वर कुमार (18) ने 30 रनों की साझेदारी कर हार के अंतर को कम करने की पूरी कोशिश की. ऑस्ट्रेलिया की तरफ से फॉकनर ने तीन और मैके, वाटसन ने दो-दो विकेट झटके.
छा गए ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने जीत के लिए 305 रनों का लक्ष्य रखा था. ऑस्ट्रेलिया ने निर्धारित 50 ओवरों में 8 विकेट पर 304 रन बनाए. ऑस्ट्रेलिया की ओर से कप्तान जॉर्ज बेली ने सबसे ज्यादा 85 रनों की पारी खेली जबकि भारत की ओर से आर अश्विन और युवराज सिंह ने 2-2 विकेट झटके.
कंगारुओं की सधी शुरुआत
सात मैचों की वनडे सीरीज के पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. फिलिप ह्यूज और अरोन फिंच ने मिलकर शतकीय साझेदारी करते हुए मेहमान टीम को शानदार शुरुआत दिलाई.
जडेजा ने दिलाई पहली सफलता
रवींद्र जडेजा ने भारत को पहली सफलता दिलाई. फिलिप ह्यूज जडेजा की गेंद को समझ नहीं सके और सुरेश रैना को कैच थमाकर पवेलियन लौट गए. उस समय ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 18.2 ओवर में 110 रन था. ह्यूज 53 गेंदो पर 47 रन बनाकर आउट हुए. इस दौरान उन्होंने पांच चौके जड़े.
लड़खड़ाई ऑस्ट्रेलियाई पारी
ह्यूज के पवेलियन लौटते ही ऑस्ट्रेलियाई पारी लड़खड़ा सी गई. शेन वॉटसन तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए, लेकिन महज दो रन बनाकर युवराज सिंह की गेंद पर विराट कोहली को कैच थमाकर चलते बने. फिंच के रूप में ऑस्ट्रेलिया को तीसरा झटका लगा. एक बार युवराज सिंह ने अपनी फिरकी का कमाल दिखाया और फिंच के रूप में भारत को बड़ी सफलता दिलाई. फिंच 72 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. इसके बाद एडम वोग्स भी 7 रन बनाकर चलते बने. इस तरह से ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 31.6 ओवरों में 4 विकेट पर 172 रन हो गया.
मैक्सवेल और बेली बढ़ाया रनरेट
ग्लेन मैक्सवेल जब कप्तान बेली का साथ देने क्रीज पर पहुंचे तो ऑस्ट्रेलियाई टीम संकट में नजर आ रही थी. मैक्सवेल और बेली ने मिलकर रनरेट तो बढ़ाया ही साथ ही स्कोर को भी 200 के पार पहुंचा दिया. एक समय लग रहा था कि ऑस्ट्रेलियाई टीम 350 रनों का स्कोर बनाने में कामयाब होगी लेकिन विनय शर्मा ने मैक्सवेल को पवेलियन भेज कर भारत को मैच में वापसी दिलाई.
आखिरी के ओवरों में गिरे विकेट पर रन भी बने
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के विकेट तो गिरते रहे लेकिन साथ ही तेजी से रन भी बनते रहे. आर अश्विन ने ब्रैड हैडिन और बेली को पवेलियन भेजा. हैडिन 10 और बेली 85 रन बनाकर आउट हुए. बेली ने 82 गेंदों पर 10 चौकों की मदद से ये रन बनाए. जेम्स फॉकनर आउट होने से पहले 22 गेंदों पर 27 रन बना चुके थे. आखिरी ओवर इशांत शर्मा ने फेंका और 13 रन लुटा दिए. इशांत शर्मा, विनय कुमार और रवींद्र जडेजा ने लिए एक-एक विकेट.