ऑस्ट्रेलिया के कप्तान टिम पेन का सुनील गावस्कर के साथ वाकयुद्ध में पड़ने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने कहा कि उनकी कप्तानी को लेकर भारत के इस महान बल्लेबाज के आकलन से वह रत्ती भर भी चिंतित नहीं हैं.
सिडनी टेस्ट के दौरान पेन ने रविचंद्रन अश्विन पर छींटाकशी की थी, जिसके बाद गावस्कर ने कहा था कि राष्ट्रीय टीम के कप्तान को यह शोभा नहीं देता और बतौर कप्तान पेन के दिन गिनती के बचे हैं.
यह पूछने पर कि क्या उन्होंने गावस्कर की टिप्पणी सुनी है, पेन ने कहा ,‘ मैंने सुना, लेकिन मैं इसमें पड़ना नहीं चाहता. मेरा सुनील गावस्कर के साथ वाकयुद्ध का कोई इरादा नहीं है .’
उन्होंने कहा, ‘वह अपनी राय रखने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन मुझे रत्ती भर भी फर्क नहीं पड़ता. सनी को जो कहना है, वह कहते रहें लेकिन आखिर में मेरा इससे कोई लेना देना नहीं है.’ पेन ने अपने आचरण के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांग ली थी.
उन्होंने कहा कि अब आगे से वह चेहरे पर मुस्कुराहट लिए खेलते रहेंगे. उन्होंने कहा, ‘अपने पूरे करियर में 99 प्रतिशत मैं इत्मीनान से रहा हूं. उससे ही मैं सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाता हूं. उस दिन मैं आवेग में आ गया था.’
उन्होंने कहा, ‘मैंने दर्शकों की तरफ देखा और मुझे महसूस हुआ कि मैं टेस्ट मैच में टीम की कप्तानी कर रहा हूं. मैंने हमेशा इसका सपना देखा था. मैं काफी प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलूंगा और जीतने के इरादे से ही खेलूंगा.’
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यह पूछने पर कि क्या वह छींटाकशी जारी रखेंगे, पेन ने कहा,‘मैं स्वाभाविक खेल दिखाऊंगा. मैं हमेशा शांतचित्त होकर खेलता आया हूं. उस दिन थोड़ा भटक गया था. थोड़ा बहुत हंसी-मजाक चलता है, लेकिन स्टंप माइक से सजग रहना होगा. अंपायरों, अधिकारियों और खिलाड़ियों के प्रति थोड़ा और सम्मान दिखाना होगा.’
उन्होंने यह भी कहा कि ऋषभ पंत का बल्लेबाजी गार्ड मिटाने की कोशिश के बेवजह विवाद का स्टीव स्मिथ पर कोई असर नहीं पड़ा है. उन्होंने कहा,‘ हमने देखा है कि पिछले तीन साल में उन्होंने क्या-क्या झेला है. उसके बाद वह सीधे फॉर्म में लौटे और एशेज में शानदार प्रदर्शन किया. वह मानसिक रूप से काफी दृढ़ हैं.’