युवा सलामी बल्लेबाज क्विंटन डि काक के शानदार शतक और अंतिम ओवरों में कप्तान एबी डिविलियर्स व जेपी डुमिनी के धमाल से दक्षिण अफ्रीका ने पहले वनडे में टीम इंडिया को चारों खाने चित्त कर दिया. पहले दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजी को तहस नहस किया और बाद में उनके गेंदबाजों ने भारत की मजबूत बल्लेबाजी की भी चूलें हिलाकर रख दी. इस तरह से दक्षिण अफ्रीका ने पहले वनडे में 141 रन की बड़ी जीत दर्ज की और तीन मैच की सीरीज में बढ़त भी हासिल कर ली.
17 दिसंबर को अपना 21वां जन्मदिन मनाने की तैयारी कर रहे डि काक ने 121 गेंदों पर 18 चौकों और तीन छक्कों की मदद से 135 रन बनाये. उन्होंने हाशिम अमला (88 गेंदों पर 65 रन) के साथ पहले विकेट के लिए 152 रन की साझेदारी की. आखिरी ओवरों में कप्तान डिविलियर्स (47 गेंद पर 77 रन) और डुमिनी (29 गेंद पर नाबाद 59) ने 46 गेंद पर 105 रन जोड़कर दक्षिण अफ्रीका का स्कोर चार विकेट पर 358 रन तक पहुंचाया. भारतीय टीम इसके जवाब में 41 ओवर में सिर्फ 217 रन पर ही ढेर हो गयी.
टीम इंडिया की ओर से केवल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (71 गेंद पर 65 रन) ही टिककर खेल पाये, जबकि बाकी बल्लेबाजों के पास दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों की तेज और शार्ट पिच गेंदों का कोई जवाब नहीं था. डेल स्टेन ने 25 रन देकर तीन और रेयान मैकलॉरेन ने 49 रन देकर तीन विकेट लिए. दूसरा मैच आठ दिसंबर को डरबन में खेला जाएगा. भारत की शुरुआत बेहद खराब रही और उसने 16वें ओवर तक चोटी के चार बल्लेबाज गंवा दिये. उस समय टीम का स्कोर 65 रन था. शिखर धवन (12) के दूसरे ओवर में लोनवाबो सोतसोबे पर जमाये गये चौके से भारत ने वनडे में सर्वाधिक रन का रिकॉर्ड बनाया. बायें हाथ का यह सलामी बल्लेबाज हालांकि मोर्ने मोर्कल की पहली गेंद ही हवा में लहराकर पवेलियन लौट गया.
रोहित शर्मा ने 17वीं गेंद पर खाता खोला. वह एक घंटे से ज्यादा समय तक क्रीज पर रहे, लेकिन किसी भी समय नहीं लगा कि वह भारत में रनों का अंबार लगाकर यहां आए हैं. रोहित 43 गेंद पर 18 रन बनाकर रन आउट हो गये. सुरेश रैना (14) के रन आउट होने से भारत का स्कोर पांच विकेट पर 108 रन हो गया. धोनी ने एक छोर संभाले रखा, लेकिन दूसरे छोर से विकेट गिरने से उनके तेवर भी ढीले पड़ गये. इस बीच उन्होंने रविंद्र जडेजा (29) के साथ छठे विकेट के लिए 50 रन जोड़े जो भारतीय पारी की सबसे बड़ी साझेदारी थी. जैक कैलिस ने जडेजा के बल्ले और पैड के बीच गेंद निकालकर दक्षिण अफ्रीका को छठी सफलता दिलायी. धोनी ने मैकलॉरेन पर छक्का जड़कर अपना 51वां वनडे अर्धशतक पूरा किया, लेकिन उनका यह प्रयास भारत की हार का अंतर ही कम कर पाया.
धोनी ने आखिर में स्टेन की गेंद अपने विकेटों पर खेली. उन्होंने अपनी पारी में आठ चौके और एक छक्का लगाया. इससे पहले दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजी की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. मोहम्मद शमी (68 रन देकर तीन विकेट) भारत के सबसे सफल गेंदबाज रहे, लेकिन अंतिम ओवरों में उनका भी जादू नहीं चला, जिसमें भारतीय गेंदबाजी की कमजोरी फिर से खुलकर सामने आयी. इन आखिरी छह ओवरों से पहले दक्षिण अफ्रीकी पारी बायें हाथ के बल्लेबाज डि काक के इर्द गिर्द घूमती रही, जिन्होंने अनुशासन और आक्रामकता की शानदार मिसाल पेश की. उन्होंने शुरू में पावरप्ले में आक्रामकता दिखायी और बाद में फील्डिंग फैलने पर अमला के साथ मिलकर एक दो रन लेकर स्कोर आगे बढ़ाया.
भुवेश्वर और मोहित शुरू में नियंत्रित गेंदबाजी नहीं कर पाये, डि काक और अमला ने उनकी ढीली गेंदों को अच्छा सबक सिखाया. मोहित ने दस ओवर में 82 और भुवनेश्वर ने नौ ओवर में 68 रन दिये. दोनों स्पिनर अश्विन और जडेजा भी प्रभाव नहीं छोड़ पाये. इन दोनों ने मिलकर 18 ओवरों में 116 रन लुटाये. दक्षिण अफ्रीका ने 30वें ओवर में बल्लेबाजी पावरप्ले लिया और इसी ओवर में शमी की गेंद अमला के बल्ले को चूमती हुई विकेटों में समा गयी. उन्होंने कैलिस (10) को भी ज्यादा देर तक नहीं टिकने दिया, लेकिन डि काक ने रन गति धीमी नहीं पड़ने दी. उन्होंने मोहित की फ्री हिट पर छक्का जड़ा और इसी ओवर में एक रन लेकर अपना दूसरा वनडे शतक पूरा किया. कोहली की गेंद पर लॉन्ग आन पर छक्का जड़ने के बाद वह अगली गेंद की लंबाई और तेजी नहीं भांप पाये और वापस गेंदबाज को कैच दे बैठे, लेकिन भारत अंतिम ओवरों में इसका फायदा नहीं उठा पाया.
धोनी ने गेंदबाजों को जमकर कोसा
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे मैच में 141 रन की हार के लिए गेंदबाजों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उन्होंने सही लाइन और लेंथ से गेंदबाजी नहीं की. दक्षिण अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए चार विकेट पर 358 रन बनाये. इनमें से 100 रन आखिरी छह ओवरों में बने. धोनी ने मैच के बाद कहा, ‘यह हमारे लिए अच्छा मैच नहीं था. हमने नई गेंद से अच्छी शुरुआत नहीं की. यह निश्चित तौर ऐसी पिच नहीं थी, जिस पर 350 रन बनते लेकिन हमारे गेंदबाजों ने हमें निराश किया. मैं समझता हूं कि हमने अच्छी तैयारी की थी. हमने यहां जो 2-3 दिन बिताये और उनका भरपूर उपयोग किया था’.
भारतीय कप्तान अब तक डेथ ओवरों की गेंदबाजी से चिंतित थे, लेकिन पहले वनडे में उन्हें नई गेंद संभालने वाले गेंदबाजों ने भी निराश किया. धोनी ने कहा, ‘हमारे लिए अच्छी गेंदबाजी करना बहुत महत्वपूर्ण था. डेथ ओवरों की गेंदबाजी के बजाय मैं शुरुआती गेंदबाजी को लेकर अधिक निराश हूं. हमारे गेंदबाज सही लाइन और लेंथ से गेंदबाजी नहीं कर पाये. मुझे लगता है कि हमें थोड़ा अधिक तेजी से गेंदबाजी करनी चाहिए थी. उम्मीद है कि आगे हम बेहतर प्रदर्शन करेंगे.’ धोनी ने भारत की तरफ से सर्वाधिक 65 रन बनाये. इस बीच उनके अंगूठे में चोट भी लगी लेकिन उन्होंने कहा, ‘मेरा अंगूठा ठीक है. चिंता की कोई बात नहीं है.’
एबी डिविलियर्स को भी दिखी भारतीय गेंदबाजी में खामी
डिविलियर्स ने कहा, ‘मैं भी टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला करता. मैं समझता हूं कि पहले दस ओवरों में उन्होंने काफी शार्ट पिच गेंदबाजी की और इससे हमें तेज शुरुआत करने में मदद मिली.’ दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ने शतक जड़ने वाले युवा बल्लेबाज क्विंटन डि काक की जमकर तारीफ की, जिन्होंने 135 रन बनाये.
डिविलियर्स ने कहा, ‘क्विंटन अभी युवा है लेकिन उसने बहुत परिपक्वता दिखायी. जेपी डुमिनी की टाइमिंग शानदार थी और उसे देखकर लग रहा था कि यहां बल्लेबाजी करना बहुत आसान है. हमारी पूरी टीम ने शानदार प्रदर्शन किया. भारत वापसी की कोशिश करेगा, लेकिन हम चुप नहीं बैठेंगे.’
डि काक को उनकी शानदार पारी के लिए मैन आफ द मैच चुना गया. उन्होंने कहा, ‘मुझे अपने प्रदर्शन पर बहुत गर्व है. मैंने इसकी उम्मीद नहीं की थी. मुझे बाकी खिलाड़ियों पर भी गर्व है. मैं उन लोगों में नहीं हूं जो हवा में पंच दिखाकर जश्न मनाये. मैं यह नहीं कहूंगा कि मैं स्टार हूं. मैं अभी केवल 20 साल का हूं और अपना काम करने की कोशिश कर रहा हूं.’