38 साल बाद भारत ने हॉकी वर्ल्डकप में कोई मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. भारत को जूनियर महिला हॉकी टीम की बदौलत यह सफलता हासिल हुई है.
भारत ने स्ट्राइकर रानी के शानदार प्रदर्शन से पेनल्टी शूटआउट में इंग्लैंड को 3-2 से हराकर जूनियर महिला हॉकी वर्ल्डकप में पहली बार कांस्य पदक जीतकर भारतीय खेलों में इतिहास बनाया.
अठारह वर्षीय रानी ने नियमित समय में भारत की तरफ से एकमात्र गोल किया. इसके बाद उन्होंने पेनल्टी शूटआउट में दो बार गोल करके भारत को यादगार जीत दिलायी.
भारत ने प्रतियोगिता में चोटी की टीमों को हैरानी में डालकर अपने अभियान का शानदार अंत किया. इंग्लैंड की लड़कियां खुद को दुर्भाग्यशाली मान सकती है, क्योंकि बोस्टन में पिछली चैंपियनशिप में दक्षिण कोरिया ने उन्हें कांस्य पदक के मैच में हरा दिया था.
नियमित समय तक भारत और इंग्लैंड दोनों ही 1-1 से बराबरी पर चल रही थी. शूटआउट में नवनीत कौर ने गोल करने के बाद अन्ना टामन चूक गई, जिससे भारत ने 3-2 से जीत दर्ज की. रानी ने शूटआउट में पहला शॉट लिया तथा वह गोल करने में सफल रही.
इंग्लैंड की तरफ से केवल एमिली डेफ्रांड ही गोल कर पाईं, जिससे भारत की बढ़त बराबर हो गई. नवनीत अपना पहला स्ट्रोक चूक गई थीं, लेकिन दूसरे स्ट्रोक में उन्होंने भारत को जीत दिला दी.