ऑस्ट्रेलिया ने सोमवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल स्टेडियम में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में भारत को पेनाल्टी शूटआउट के आधार पर 3-2 से हराते हुए तीन मैचों की सीरीज 2-0 से अपने नाम कर ली.
निर्धारित समय की समाप्ति तक भारत ने यह मैच 3-2 से जीता था लेकिन सीरीज किसके नाम होगा, इसका फैसला पेनाल्टी शूटआउट से होना था. इसका कारण यह था कि दोनों टीमों ने इस सीरीज में छह-छह गोल किए थे और दोनों ने एक-एक मैच जीता था. ऐसे में सीरीज के विजेता का फैसला करने के लिए शूटआउट अपरिहार्य हो गया था.
निर्धारित समय में भारत ने पहले पेनाल्टी कार्नर को गोल में बदलते हुए बढ़त हासिल की थी. भारत के लिए यह गोल वीआर रघुनाथ ने 17वें मिनट में किया था. इसके बाद 36वें मिनट में ट्रेंट मिटन ने एक बेहतरीन फील्ड गोल करते हुए अपनी टीम को बराबरी पर ला दिया.
मैच का तीसरा और भारत का दूसरा गोल रुपिंदर पाल सिंह ने पेनाल्टी कार्नर पर किया. इसके साथ भारत ने बढ़त बनाई. यह गोल 41वें मिनट में हुआ. लेकिन ट्रेंट मिटन ने 54वें मिनट में फील्ड गोल किया और अपनी टीम को बराबरी पर ला दिया.
मैच बराबरी पर समाप्त होने की स्थिति में ऑस्ट्रेलिया यह सीरीज 1-0 से जीत लेता क्योंकि उसने रायपुर में खेले गए दूसरे मैच में जीत हासिल की थी. भारत को शायद यह मंजूर नहीं था. उसने अपने हमले तेज कर दिए. इसी कम्र में आकाशदीप सिंह ने अंतिम मिनट में एक बेहतरीन गोल कर अपनी टीम को 3-2 से जीत दिला दी लेकिन सीरीज किसके नाम होगा, इसका फैसला पेनाल्टी शूटआउट से होना था और इसमें ऑस्ट्रेलिया ने बाजी मार ली.
भारत की ओर से शूटआउट के दौरान जो दो गोल हुए उनमें से एक पेनाल्टी स्ट्रोक पर हुआ लेकिन धर्मवीर सिंह द्वारा हासिल दूसरे पेनाल्टी स्ट्रोक पर रघुनाथ गोल नहीं कर सके. अगर रघुनाथ यह गोल कर लेते तो फिर दोनों टीमों को एक-एक मौका और मिलता और ऐसी स्थिति में कुछ भी हो सकता था.
दोनों टीमों के बीच राजनांदगांव में 19 नवम्बर को खेला गया पहला मुकाबला 2-2 की बराबरी पर छूटा था. इसके बाद रायपुर में खेला गया दूसरा मुकाबला ऑस्ट्रेलिया ने 2-1 से जीता था.
खास बात यह है कि राजनांदगांव और रायपुर में हुए पहले मैच में भारतीय टीम एक समय बढ़त लिए हुए थी लेकिन अंतिम समय में उसके लचर प्रदर्शन के कारण ऑस्ट्रेलिया ने पहला मैच ड्रॉ किया और दूसरा मैच जीत लिया.
यह सीरीज दोनों टीमों के लिए काफी अहम थी. यहां 27 नवम्बर से होने वाले हॉकी वर्ल्ड लीग (एचडब्ल्यूएल) से पहले दोनों को तैयारी का जायजा लेने का मौका मिला और साथ ही रायपुर के माहौल में ढलने में सफलता मिली. खासतौर पर यह सीरीज ऑस्ट्रेलिया के लिए काफी अहम रहा क्योंकि वह अब रायपुर के मौसम में पूरी तरह ढल चुकी है और खिताब बचाने के लिए तैयार है लेकिन भारत से मिली टक्कर ने उसे अपनी तैयारियों पर एक बार फिर पैनी नजर डालने पर मजबूर किया है. भारत ने ऑस्ट्रेलिया जैसी सशक्त टीम को कभी भी इतना परेशान नहीं किया था.
एचडब्ल्यूएल में भारत और ऑस्ट्रेलिया सहित कुल 8 टीमें हिस्सा लेंगी. लीग के पहले संस्करण का खिताब ऑस्ट्रेलिया ने जीता था. पहले संस्करण का आयोजन नई दिल्ली में हुआ था.
इनपुटः IANS