भारत के शीर्ष मुक्केबाजों में शुमार और राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता अमनदीप सिंह ने आगमी राष्ट्रमंडल खेलों में अपने वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने का भरोसा जताते हुए कहा कि वह चाहते हैं कि भारतीय मुक्केबाज सभी 10 वर्गों में स्वर्ण पदक जीतें.
दिल्ली में इसी साल हुई राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप के 49 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाले अमनदीप ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों के लिए उनकी तैयारी काफी अच्छी है और उन्हें सोने का तमगा जीतने का विश्वास है.
अमनदीप ने कहा, ‘राष्ट्रमंडल खेलों के लिए मेरी तैयारी काफी अच्छी हुई है. मैंने अपने पंच और लचीलेपन पर काम किया है और उम्मीद करता हूं कि राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहूंगा.’ टीम के अपने साथियों की क्षमता पर भी पूरा भरोसा जताते हुए इस युवा मुक्केबाज ने कहा, ‘उम्मीद करता हूं कि हम सभी 10 वर्गों में सोने का तमगा जीतने में सफल रहेंगे.’
मुक्केबाजी में भारतीय चुनौती की अगुआई बीजिंग ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता विजेंदर सिंह (75 किग्रा) करेंगे जबकि मेजबान देश की टीम में सुरंजय सिंह (56 किग्रा), जय भगवान (64 किग्रा), परमजीत समोटा (91 किग्रा से अधिक) और दिनेश कुमार (81 किग्रा) जैसे राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप के विजेता तथा मेलबर्न 2006 राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता अखिल कुमार (56 किग्रा) शामिल हैं जिससे भारत का दावा काफी मजबूत है.
अमनदीप ने कहा कि फिलहाल उनका ध्यान पूरी तरह से राष्ट्रमंडल खेलों पर है और वह चीन में अगले महीने होने वाले एशियाई खेलों के बारे में नहीं सोच रहे. इस मुक्केबाज ने कहा, ‘मेरी नजरें अभी सिर्फ राष्ट्रमंडल खलों पर टिकी है. मैं अभी किसी और प्रतियोगिता के बारे में नहीं सोच रहा हूं.’ उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रमंडल खेल खत्म होने बाद तीन.चार दिन आराम करने के बाद ही मैं एशियाई खेलों की तैयारी शुरू करूंगा.’ अमनदीप ने अंतरराष्ट्रीय और भारतीय खिलाड़ियों तथा अधिकारियों की मेजबानी कर रहे राष्ट्रमंडल खेलगांव की सुविधाओं को विश्वस्तरीय करार दिया.
उन्होंने कहा, ‘खेलगांव में काफी अच्छी सुविधाएं मिल रही हैं. हमें यहां किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है. हम सुबह खेलगांव में भी अभ्यास करते हैं जबकि शाम को स्टेडियम जाते हैं.’ यह पूछने पर कि क्या भारत को घरेलू रिंग में उतरने का फायदा मिलेगा, अमनदीप ने कहा, ‘मुक्केबाजी की स्पर्धाएं एसी स्टेडियम में होती हैं इसलिए मुझे नहीं लगता कि इससे अधिक फर्क पड़ेगा कि हम किस देश के रिंग में उतर रहे हैं. हमें लेकिन निश्चित तौर पर घरेलू दर्शकों की मौजूदगी का फायदा मिलेगा.’