विश्व चैम्पियनों से भरी भारतीय तीरंदाजी टीम कल से यमुना खेल परिसर में राष्ट्रमंडल खेलों में कड़ी चुनौती के बावजूद ज्यादा से ज्यादा स्वर्ण पदक हासिल करने की कोशिश करेगी. यमुना खेल परिसर में 28 वर्षों बाद तीरंदाजी स्पर्धा आयोजित की जा रही है.
मुख्य कोच लिम्बा राम के मुताबिक वर्ष 2007 की विश्व कप फाइनल की विजेता डोला बनर्जी समेत 12 सदस्यीय भारतीय टीम रिकर्व व्यक्तिगत और टीम स्पर्धा में कम से कम छह स्वर्ण पदक हासिल करने की कोशिश करेगी.
लिम्बा ने कहा, ‘हमारी मजबूत टीम है, जो काफी अनुभवी है. हमें घरेलू परिस्थितियों का फायदा उठाना चाहिए. हमें पुरूष तथा महिला रिकर्व टीम में दो शीर्ष स्थानों समेत छह स्वर्ण पदक की उम्मीद है.’
तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर लिम्बा ने कहा, ‘हम पिछले दो वर्षों से राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों की तैयारियां कर रहे हैं. हमें किसी विदेशी दौरे पर नहीं भेजा गया, लेकिन हमारे तीरंदाजों ने विश्व कप और एशियाई ग्रां प्री के विभिन्न चरणों में अच्छा प्रदर्शन किया है.’
मार्च 2009 में तीरंदाजों के कोर ग्रुप में 64 खिलाड़ी थे, जिन्हें छांटकर 12 कर दिया गया, जिसमें से तीन रिकर्व और कम्पाउंड (पुरूष और महिला) में शामिल हैं. व्यक्तिगत और टीम स्पर्धा के प्रत्येक वर्ग में 16 पदक (स्वर्ण, रजत और कांस्य) दाव पर लगे होंगे.
तरूणदीप राय, जयंता तालुकदार और राहुल बनर्जी पुरूष रिकर्व स्पर्धा में आस्ट्रेलिया के तीन बार के ओलंपियन मैथ्यू ग्रे जैसे दिग्गज से मिलने वाली चुनौती का सामना करेंगे. ग्रे हमवतन टेलर वर्थ और मैथ्यू मेसनवेल्स के साथ शुरूआत करेंगे.