टीम इंडिया के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड के फिरकी गेंदबाज मोईन अली ने मेहमान बल्लेबाजों को जमकर परेशान किया है. मोईन अभी तक 22.94 की औसत से 19 विकेट झटक चुके हैं. मोईन की माने तो भारतीय बल्लेबाजों ने उन्हें हल्के में लिया, जिसका उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ा.
मोईन ने कहा, ‘भारतीय बल्लेबाजों को लगा कि मैं आसान शिकार हूं, जिसकी गेंदों पर आराम से रन बनाए जा सकते हैं. इससे मुझे मदद मिली.’ उन्होंने कहा, ‘भारतीय स्पिन को बखूबी खेलते हैं. मुझे नहीं पता कि मुझे ये विकेट कैसे मिल रहे हैं, लेकिन मैं इससे बहुत खुश हूं. मुझे लग रहा है कि मैं टॉप पर हूं और खिलाड़ियों को आउट कर सकता हूं.’
उन्होंने कहा कि वह अपनी तरकश में दूसरा जैसा तीर डालना चाहेंगे, लेकिन फिलहाल अपने संसाधनों से खुश हैं. मोईन ने कहा, ‘फिलहाल मुझे इसकी जरूरत नहीं है. मैं जिस तरह से गेंदबाजी कर रहा हूं, उसे देखते हुए मुझे इसकी कतई जरूरत नहीं है. मैं अपने तरकश में इसे रखना चाहूंगा, लेकिन इसके लिए काफी मेहनत की जरूरत है.’
उन्होंने कहा, ‘मैं अपने पैर जमीन पर रखना चाहता हूं, लेकिन मेरा मानना है कि एक अच्छा टेस्ट स्पिनर बनने की दिशा में मैंने बड़ा कदम रख दिया है. अब मैं अधिक नियंत्रित हूं और मेरे कप्तान और साथी खिलाड़ी मुझ पर भरोसा कर सकते हैं.’ आईसीसी एलीट पैनल के अंपायर और श्रीलंका के पूर्व ऑफ स्पिनर कुमार धर्मसेना से मिले टिप्स ने उनकी काफी मदद की.
धर्मसेना ने मोईन को अपनी बायीं जेब उस हाथ से पकड़ने की सलाह दी थी जिससे वह गेंद नहीं फेंक रहा हो ताकि गेंद अधिकतम रफ्तार से छोड़ सके. इसका उसे फायदा भी मिला. मोईन ने कहा, ‘एक गेंद फेंकते ही मैं समझ गया कि इससे फायदा होगा. इससे मुझे तेज रफ्तार से सीधी गेंद फेंकने में मदद मिली.’
उन्होंने कहा, ‘यह काउंटी क्रिकेट से एकदम अलग है. वहां मैं लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका. उस तरह से गेंदबाजी करने पर भारत और श्रीलंका के बल्लेबाजों ने मेरी गेंदों की धुनाई कर डाली क्योंकि उनका फुटवर्क बेहतरीन है. लिहाजा तेज और सीधी गेंद डालना जरूरी था जो मैंने किया और इसका फायदा मिल रहा है.’