पाकिस्तान में दृष्टिहीनों के क्रिकेट को संचालित करने वाली संस्था के मुताबिक भारत की दृष्टिहीन क्रिकेटरों की टीम अगले साल फरवरी में पाकिस्तान का दौर करेगी.
पाकिस्तान के अखबार डॉन में छपी खबर के मुताबिक पाकिस्तान ब्लाइंड क्रिकेट असोसिएशन के प्रेसिडेंट सुल्तान शाह ने बताया कि भारतीय दृष्टिहीन टीम का यह तीसरा दौरा होगा.शाह ने कहा कि हमने भारतीय पक्ष को अपनी टीम भेजने के लिए राजी कर लिया है. भारतीय टीम यहां तीन वनडे और तीन ट्वेंटी20 मैच खेलेगी. इससे पहले भारत की टीम दिसंबर 2011 में पाकिस्तान गई थी, तब वह वन डे और ट्वेंटी20 सीरीज, दोनों में हार गई थी.
अगर फरवरी में दौरा होता है, तो लाहौर, फैसलाबाद और इस्लामाबाद में मैच होंगे. शाह ने बताया कि भारत अपनी टीम भेजने के लिए अनिच्छुक था. भारतीय पक्ष को सुरक्षा की चिंता थी. मगर पाकिस्तान ने कहा कि दृष्टिहीन क्रिकेटरों के मैच आपसी सद्भाव बढ़ाने के लिए हैं और इस तरह की सीरीज पर कोई सुरक्षा चिंता नहीं है.
कैसे होता है दृष्टिहीन क्रिकेट
इस क्रिकेट में बॉल का साइज बड़ा होता है. इसके अंदर बॉल बियरिंग्स भरी होती हैं. जैसे ही बॉल बैट्समैन की तरफ फेंकी जाती है, इसकी आवाज से ट्रेजेक्टरी का अंदाजा लग जाता है. 11 लोगों की टीम में कम से कम चार खिलाड़ियों की दृष्टि जीरो होनी चाहिए. सरल भाषा में कहें तो उन्हें पूरी तरह से अंधा होना चाहिए. इसके अलावा चार खिलाड़ी आंशिक दृष्टिहीन हों, जबकि तीन खिलाड़ी आंशिक रूप से कमजोर दृष्टि वाले हों.
मार्च 2009 से नहीं हुआ इंटरनेशनल क्रिकेट
गौरतलब है कि पाकिस्तान में इंटरनेशनल लेवल का क्रिकेट मार्च 2009 से नहीं हुआ है. उस दौरान श्रीलंका की टीम पाकिस्तान के दौरे पर थी. लाहौर में टेस्ट मैच चल रहा था. आतंकवादियों ने श्री लंका के खिलाड़ियों को ले जा रही टीम पर हमला किया था.