भारत के अभी किसी भी मुक्केबाज ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं किया है लेकिन यदि वह इसमें जगह बना लेते हैं तब भी यदि अगले महीने के एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर्स तक नए राष्ट्रीय महासंघ का गठन नहीं किया जाता है तो उन पर इस साल के रियो ओलंपिक खेलों से बाहर रहने का खतरा मंडरा रहा है.
अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) ने हाल में मैनचेस्टर में विभिन्न आयोगों के साथ बैठक के बाद यह ताजा जानकारी मुहैया कराई. भारतीयों के पास 23 मार्च से चीन के शहर क्विनयान में होने वाले एशियाई क्वालीफायर्स के जरिए ओलंपिक में जगह बनाने का अवसर रहेगा लेकिन सूत्रों के अनुसार विश्व संस्था भारतीयों को अगस्त में रियो डि जनेरियो में होने वाले टूर्नामेंट में भाग लेने से रोकने में नहीं हिचकिचाएगी.
सूत्रों ने कहा, ‘भारत पर अब महासंघ गठित करने का काफी दबाव है. उन्होंने (एआईबीए) ने भारत को एशियाई क्वालीफायर्स तक का समय दिया है. यदि ऐसा नहीं होता है तो फिर क्वालीफाई करने वाले हमारे मुक्केबाजों को ओलंपिक में भाग लेने से रोका जा सकता है.’
अभी तक किसी भी भारतीय मुक्केबाज ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं किया है और उनकी उम्मीदें एशियाई क्वालीफायर्स पर टिकी हैं. सूत्रों ने कहा, ‘क्वालीफायर्स के लिए भारतीय आवेदन स्वीकार कर लिया गया है लेकिन एआईबीए ने नई शर्तें रखी हैं. वे जल्द से जल्द राष्ट्रीय महासंघ चाहते हैं और यदि वे ऐसा नहीं होता है तो इसे विश्व संस्था को चुनौती के रूप देखा जाएगा.’
भारतीय मुक्केबाज पिछले साल मई से बिना संघ के है. तब बाक्सिंग इंडिया को निलंबित कर दिया गया था. देश में अभी इस खेल का संचालन एआईबीए की तदर्थ समिति कर रही है.