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भारतीय मुक्केबाजों ने जीते तीन कांस्य पदक

भारत की राष्ट्रमंडल खेलों की मुक्केबाजी स्पर्धा में स्वर्ण पदकों की झड़ी लगाने की उम्मीदों को सोमवार को करारा झटका लगा जब तालकटोरा स्टेडियम में तीनों मुक्केबाजों को सेमीफाइनल में हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा.

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भारत की राष्ट्रमंडल खेलों की मुक्केबाजी स्पर्धा में स्वर्ण पदकों की झड़ी लगाने की उम्मीदों को सोमवार को करारा झटका लगा जब तालकटोरा स्टेडियम में तीनों मुक्केबाजों को सेमीफाइनल में हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा.

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राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप के स्वर्ण पदकधारी अमनदीप सिंह (49 किग्रा), एशियाई रजत पदकधारी जय भगवान (60 किग्रा) और नौ बार के राष्ट्रीय चैम्पियन दिलबाग सिंह (69 किग्रा) को अपनी सेमीफाइनल बाउट में हारने से कांस्य पदक मिले.

अमनदीप को ओलंपिक कांस्य पदकधारी और यूरोपीय चैम्पियन आयरलैंड के पैडी बार्नेस से 0-5, जय भगवान को यूरोपीय चैम्पियनशिप रजत पदकधारी इंग्लैंड के थामस स्टालकर से 5-10 और दिलबाग को नार्दन आयरलैंड के पैट्रिक गालाघार से रोमांचक बाउट में 4-5 से हार का मुंह देखना पड़ा.

अमनदीप रिंग में उतरने वाले पहले भारतीय रहे, लेकिन वह बार्नेस से मिलने वाली चुनौती का सामना नहीं कर पाये. पंजाब के इस मुक्केबाज ने हर चीज हुक्स से अपरकट के अलावा सीधे पंच लगाकर बार्नेस के डिफेंस को तोड़ने की कोशिश की लेकिन ऐसा नहीं हो सका. अमनदीप ने कहा, ‘मैंने उसे तोड़ने की पूरी कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. मैं काफी अपरकट लगा रहा था, लेकिन यह कारगर नहीं हुआ.’ {mospagebreak}

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उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैं खुश हूं कि मैंने अपने पहले राष्ट्रमंडल खेलों में पदक हासिल किया.’ जय भगवान रिंग में उतरने वाले दूसरे भारतीय थे, जिन्होंने अच्छी बाउट खेली लेकिन दो चेतावनी ने उनका अगले दौर में पहुंचने का मौका खराब कर दिया. एशियाई रजत पदकधारी को स्टालकर को कमर से नीचे हिट करने के लिये दो बार चेतावनी दी गयी. वह शुरूआती राउंड में 3-1 से आगे चल रहे थे लेकिन यह बढ़त घटकर 3-4 हो गयी क्योंकि उन्हें दो बार चेतावनी दी गयी जिससे इंग्लैंड के स्टालकर को फायदा हुआ.

जय भगवान ने कहा, ‘मुझे लगता है कि पहली बार मैंने उसके हाथ पर हिट किया था, लेकिन रैफरी को साफ नहीं दिखायी दिया कि मेरा पंच कहां लगा था.’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन हर हार से एक सबक मिलता है. मैं यहां से जरूर सबक हासिल करूंगा. मैं बाउट की रिकार्डिंग देखूंगा.’ यहां तक कि स्टालकर को भी लगता है कि स्थानीय मुक्केबाज ने अच्छी फाइट दी. उन्होंने कहा, ‘वह काफी कठिन प्रतिद्वंद्वी था और उसने कुछ मजबूत पंच लगाये.’ {mospagebreak}

दिलबाग पहले सत्र में रिंग में उतरने वाले अंतिम भारतीय थे जो सिर्फ एक अंक से अगले दौर में पहुंचने से चूक गये. दोनों के बीच इस तरह की बाउट हुई जिससे दर्शकों ने इसका काफी लुत्फ उठाया क्योंकि यह कुश्ती का मुकाबला लग रहा था. पहले राउंड में स्कोर 1-1 से बराबर था, दोनों ने एक दूसरे को पछाड़ने की कोशिश की लेकिन गालाघर ने कुछ बेहतरीन पंच से उन पर नियत्रंण बनाया जबकि इस भारतीय को दूर करने के लिये डिफेंस भी बरकरार रखा.

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दिलबाग ने हालांकि अंतिम तीन मिनट में वापसी की लेकिन गालाघर की रणनीति के सामने यह भारतीय कुछ नहीं कर सका. शाम के सत्र में विश्व के नंबर विजेंदर सिंह (75 किग्रा), एशियाई चैम्पियन सुरंजय सिंह (52 किग्रा), मनोज कुमार (64 किग्रा) और राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप के स्वर्ण पदकधारी परमजीत समोटा (प्लस 91 किग्रा) 13 अक्तूबर को होने वाले फाइनल्स में प्रवेश करने की कोशिश करेंगे.

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