भारतीय पुरुष टीम ने एशियाई खेलों की 25 मीटर सेंटर फायर पिस्टल में रजत पदक जीता जबकि महिला टीम की झोली 50 मीटर थ्री पोजिशन में खाली रही. लंदन ओलंपिक रजत पदक विजेता विजय कुमार ने 1740 अंक के साथ दूसरा स्थान हासिल किया. वह स्वर्ण पदक विजेता चीनी निशानेबाज से दो अंक पीछे रहे.
भारतीय टीम में विजय के अलावा पेम्बा तमांग और गुरप्रीत सिंह थे. महू में कार्यरत सेना के ये तीनों निशानेबाज अगर चीनी टीम की बराबरी कर लेते तो उनका स्वर्ण जीतना तय था क्योंकि दस के भीतर के उनके स्कोर अधिक थे.
विजय ने सर्वाइकल स्पांडिलाइटिस से परेशान होने के बावजूद यहां खेला. वह स्वदेश लौटने के बाद इसका ऑपरेशन करायेंगे.
एशियाई खेलों में भारतीय निशानेबाजों का यह आठवां पदक था. उन्होंने एक स्वर्ण, एक रजत और छह कांस्य जीते जिनमें से सिर्फ दो व्यक्तिगत स्पर्धा के रहे. जीतू राय और अभिनव बिंद्रा के अलावा इंचियोन में कोई भारतीय निशानेबाज व्यक्तिगत स्पर्धा का पदक नहीं जीत सका.
तमांग ने प्रीसिशन दौर में 99 का स्कोर किया लेकिन रैपिड फायर में 97 स्कोर करके वह कुल 581 अंक लेकर आठवें स्थान पर रहे. गुरप्रीत (580) नौवें और विजय (579) 12वें स्थान पर रहे.
अरुणाचल प्रदेश के तमांग ने कहा कि उन्होंने भारत को पदक दिलाने के लिये अतिरिक्त प्रयास किया. उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी है कि हमने रजत पदक जीता क्योंकि हम 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल में मामूली अंतर से कांस्य पदक से चूके थे.’
भारतीय महिला टीम 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस टीम फाइनल्स में छठे स्थान पर रही. लज्जा गोस्वामी, 44 बरस की अंजलि भागवत और तेजस्विनी मूले भारतीय टीम में शामिल थी. लज्जा फाइनल में सातवें स्थान पर रही जबकि अंजलि (572) और तेजस्विनी (568) क्रमश: 25वें और 29वें स्थान पर रही.