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वर्ल्ड कप के लिए तैयार 'पेस बैटरी' भुवी, शमी और ईशांत करेंगे अगुवाई!

वर्ल्ड कप 2015 न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी में होना है ऐसे में तेज गेंदबाजों की अहमियत हर टीम के लिए बढ़ जाती है. न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया की तेज पिचों पर खिताब बचाने के लिए टीम इंडिया को पेस अटैक पर खास ध्यान देना होगा.

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मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार
मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार

वर्ल्ड कप 2015 न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी में होना है. ऐसे में तेज गेंदबाजों की अहमियत हर टीम के लिए बढ़ जाती है. न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया की तेज पिचों पर खिताब बचाने के लिए टीम इंडिया को पेस अटैक पर खास ध्यान देना होगा. गुरुवार को क्रिकेट के महाकुंभ के लिए टीम इंडिया के 30 संभावित खिलाड़ियों की लिस्ट जारी की गई और इसमें आठ तेज गेंदबाजों को जगह दी गई है.

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ईशांत शर्मा, भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी, उमेश यादव, वरुण एरॉन, धवल कुलकर्णी, मोहित शर्मा और अशोक डिंडा, इन आठों में से पांच गेंदबाजों के 15 सदस्यीय टीम में शामिल होने की संभावना है. 7 जनवरी को वर्ल्ड कप के लिए 15 सदस्यीय टीम की लिस्ट जारी होगी. परफॉर्मेंस और एक्सपीरिएंस की बात करें तो ईशांत, भुवी, शमी, उमेश और वरुण का वर्ल्ड कप टिकट कटना लगभग तय दिख रहा है.

वहीं धवल, मोहित और डिंडा को संभावितों में जगह बनाने के बाद निराशा का सामना करना पड़ सकता है. दिलचस्प बात ये है कि संभावितों में शामिल किसी भी तेज गेंदबाज को वर्ल्ड कप में खेलने का कोई अनुभव नहीं है. अब एक नजर डालते हैं इन पांच गेंदबाजों पर जिनके कंधों पर होगी टीम इंडिया के खिताब बचाने की भारी जिम्मेदारी.

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ईशांत शर्माः भारत की ओर से ईशांत पेस अटैक में सबसे अनुभवी गेंदबाज होंगे. ईशांत ने 75 वनडे मैचों में 31.25 के औसत से 106 विकेट झटके हैं. इस दौरान 34 रन पर चार विकेट उनका बेस्ट परफॉर्मेंस रहा है. ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर ईशांत ने 9 मैच खेले और 20.42 की औसत से 14 विकेट झटके हैं. उनका बेस्ट परफॉर्मेंस भी ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर ही है. इतना ही नहीं ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर ईशांत ने महज 4.60 के इकॉनमी रेट से रन खर्चे हैं, जबकि ओवरऑल उनका इकॉनमी रेट 5.69 का है. न्यूजीलैंड में ईशांत ने महज 4 मैच खेले हैं और इस दौरान उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है. उन्होंने कीवी पिचों पर 47.60 की औसत से 5 विकेट झटके हैं. ईशांत के अनुभव का टीम इंडिया जरूर फायदा उठाना चाहेगी.

भुवनेश्वर कुमारः पिछले कुछ समय में भुवी ने टीम में अपनी मजबूत जगह बना ली है. इस गेंदबाज को 2014 का आईसीसी पीपुल्स च्वॉइस अवॉर्ड भी दिया गया. 42 वनडे मैचों में भुवी ने 36.59 के औसत से 44 विकेट झटके हैं और इस दौरान उनका इकॉनमी रेट 4.60 का रहा है. बेस्ट बॉलिंग परफॉर्मेंस भुवी की 8 रन देकर चार विकेट है. भुवी गेंदबाजी के अलावा निचले क्रम में अच्छी बल्लेबाजी भी कर सकते हैं, जिसका नमूना वो इंग्लैंड दौरे पर दिखा चुके हैं. भुवी अभी तक ऑस्ट्रेलिया में नहीं खेले हैं लेकिन भारत के मौजूदा दौरे पर उन्हें ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर खेलने का अनुभव मिल जाएगा. न्यूजीलैंड की पिचों पर उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा और 5 मैच में वो महज 4 विकेट झटक सके. वहां उनका इकॉनमी रेट 5.43 का था. भुवी के पास भले ही रफ्तार न हो लेकिन वेरिएशन और स्विंग उनका यूएसपी है.

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मोहम्मद शमीः भुवनेश्वर की तरह मोहम्मद शमी ने भी टीम इंडिया में मजबूत जगह बना ली है. शमी ने 36 वनडे मैचों में 26.08 के औसत से 68 विकेट झटके हैं, जबकि उनका इकॉनमी रेट 5.74 का रहा है. शमी का बेस्ट परफॉर्मेंस 36 रन खर्चकर चार विकेट है. शमी ने भी ऑस्ट्रेलिया में अभी तक कोई इंटरनेशनल मैच नहीं खेला है लेकिन मौजूदा दौरे पर उन्होंने इसका अनुभव मिल जाएगा. वहीं न्यूजीलैंड पिचों पर शमी भले ही महंगे साबित हुए हों लेकिन उन्होंने विकेट भी झटके. न्यूजीलैंड में शमी ने 5 वनडे मैच खेले और 28.72 की औसत से 11 विकेट झटके. इस दौरान उनका इकॉनमी रेट 7.18 का रहा. शमी के साथ भी प्लस प्वॉइंट ये है कि वो टेलेंडर होने के बावजूद कुछ रन जोड़ सकते हैं. शमी धीमी गेंदबाजी करते हैं लेकिन गेंद को अच्छे से मूव करा लेते हैं. अच्छी लाइन और लेंथ शमी का यूएसपी है.

उमेश यादवः न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर उमेश अपनी रफ्तार से कामयाब साबित हो सकते हैं. उमेश यादव तेज रफ्तार से गेंद फेंकते हैं और लाइन और लेंथ भी बनाए रखते हैं. उमेश को 38 वनडे मैचों का एक्सपीरिएंस है. इस दौरान उन्होंने 36.5 के औसत और 5.89 के इकॉनमी रेट से 47 विकेट झटके हैं. उमेश ऑस्ट्रेलिया में पहले भी खेल चुके हैं. उमेश ने ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर 6 मैच खेले हैं और 59.80 की औसत से 5 विकेट झटके हैं. 2012 में श्रीलंका और मेजबान टीम के खिलाफ ट्राई सीरीज में भले ही उमेश यादव का प्रदर्शन बहुत जोरदार ना रहा हो लेकिन दो साल में इस गेंदबाज के अंदर परिवक्वता आई है. रफ्तार के साथ लाइन और लेंथ पर नियंत्रण रखना काफी हद तक उमेश ने सीखा है.

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वरुण एरोनः मौजूदा समय में एरोन टीम इंडिया के सबसे तेज गेंदबाज हैं. एरोन को महज 9 वनडे इंटरनेशनल मैचों का अनुभव है इस दौरान उनका प्रदर्शन मिला-जुला रहा है. ऑस्ट्रेलिया में हुए प्रैक्टिस मैचों में एरोन ने बढ़िया गेंदबाजी की और अगर यह प्रदर्शन टेस्ट और ट्राई वनडे सीरीज में भी जारी रहता है तो उनका वर्ल्ड कप में खेलना लगभग तय है. एरोन ने 9 मैचों में 38.09 की औसत से 11 विकेट झटके हैं, इस दौरान उनका इकॉनमी रेट 6.61 का रहा है. एरोन के लिए सबसे बड़ी दिक्कत है कि वो रफ्तार के साथ लाइन लेंथ कंट्रोल नहीं कर पाते और रन खर्च देते हैं. न्यूजीलैंड में एरोन 3 मैच खेल चुके हैं इस दौरान उन्होंने 7.03 के इकॉनमी रेट और 40.75 की औसत से चार विकेट झटके. एरोन अगर रफ्तार के साथ लाइन लेंथ कंट्रोल करना सीख जाएं तो उनकी जगह भी टीम में पक्की हो जाएगी.

प्लेइंग इलेवन का ये होगा फंडा!
वर्ल्ड कप के मैचों में टीम इंडिया तीन तेज गेंदबाजों के कॉम्बिनेशन के साथ उतर सकती है. जबकि एक स्पिनर और एक ऑलराउंडर बाकी के 20 ओवर पूरा करेगा. इसके अलावा अगर टीम चार गेंदबाजों के साथ उतरती है तो भी आश्चर्य नहीं होगा. 3+1 के फॉर्मूले में भुवी और शमी का खेलना तो लगभग तय जबकि तीसरा गेंदबाज के तौर पर ईशांत और उमेश में कड़ा मुकाबला हो सकता है.

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