इंडियन प्रीमियर लीग के आठवें सीजन (आईपीएल-8) के 45वें मैच में सरराइजर्स हैदराबाद ने दिल्ली डेयरडेविल्स को 6 रनों से हराया. इसके साथ ही हैदराबाद पॉइंट टेबल में चौथे स्थान पर पहुंचा और दिल्ली का बाहर जाना तय हो गया.
हैदराबाद से मिले 164 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए डेयरडेविल्स क्विंटन डी कॉक (50) और केदार जाधव (नॉटआउट 63) की बेहतरीन पारियों के बावजूद निर्धारित 20 ओवरों में चार विकेट खोकर 157 रन ही बना सके. हैदराबाद के लिए नॉटआउट 74 रनों की शानदार पारी खेलने वाले मोएसिस हेनरिक्स मैन ऑफ द मैच रहे.
दिल्ली की शुरुआत अच्छी नहीं रही और भुवनेश्वर कुमार ने तीसरे ओवर में श्रेयष अय्यर को खाता खोले बगैर पवेलियन की राह दिखा दी. इसके बाद हालांकि डी कॉक ने कप्तान जेपी डुमिनी (12) के साथ दूसरे विकेट के लिए तेजी से 47 रनों की साझेदारी कर टीम को शुरुआती झटके से उबार लिया.
हैदराबाद के कप्तान डेविड वार्नर इस बीच लगातार गेंदबाजी आक्रमण में परिवर्तन करते रहे. वार्नर ने कर्ण शर्मा के रूप में नौवें ओवर में अपने छठे गेंदबाज को आजमाया. कर्ण शर्मा ने अर्धशतक लगाकर आक्रामक मूड में नजर आ रहे डी कॉक दूसरी ही गेंद पर विकेट के पीछे कैच आउट करवा सनराइजर्स को बड़ी सफलता दिला दी. डी कॉक ने 31 गेंदों की अपनी जबरदस्त पारी में नौ चौके और एक छक्का लगाया.
इसके साथ ही सनराइजर्स ने मैच में यू टर्न लिया और अगले दो ओवरों में डेयरडेविल्स को दो अहम विकेट युवराज सिंह (2) और ड्यूमिनी के विकेट चटका डाले. युवराज, परवेज रसूल की गेंद पर कर्ण शर्मा को कैच थमा बैठे, जबकि डुमिनी को कर्ण ने क्लीन बोल्ड कर दिया.
ड्यूमिनी 66 के कुल योग पर पवेलियन लौटे तो सौरभ तिवारी अभी खाता भी नहीं खोल सके थे और उनका साथ देने आए केदार जाधव पर अगली 58 गेंदों में 98 रन बनाने की कठिन चुनौती थी. केदार ने लेकिन सौरभ (नॉटआउट 26) के साथ शानदार साझेदारी निभाई और आक्रामक अंदाज में खेलते हुए मैच को रोमांचक मोड़ पर पहुंचा दिया.
एक समय डेयरडेविल्स को आखिरी के तीन ओवरों में जीत के लिए मात्र 29 रनों की दरकार रह गई थी, लेकिन ईशांत शर्मा और भुवनेश्वर कुमार ने 18वें और 19वें ओवर में सात और छह रन देकर एक बार फिर पलड़ा सनराइजर्स के पक्ष में झुका दिया.
हालांकि केदार और सौरभ अभी भी क्रीज पर मौजूद थे और डेयरडेविल्स को आखिरी छह गेंदों में जीत के लिए 16 रनों की दरकार थी और आखिरी ओवर लेकर ईशांत आक्रमण पर आए. इस ओवर में भी डेयरडेविल्स 9 रन ही जोड़ सके और लक्ष्य से छह रन पीछे रह गए.
केदार ने सौरभ के साथ पांचवें विकेट के लिए 9.41 के औसत से 91 रनों की साझेदारी निभाई. केदार ने अपनी बेहतरीन अर्धशतकीय पारी में 34 गेंदों का सामना कर आठ चौके और दो छक्के लगाए. सनराइजर्स के लिए कर्ण शर्मा सबसे सफल गेंदबाज रहे. उन्होंने तीन ओवरों के अपने स्पेल में 12 रन देकर दो विकेट चटकाए. हालांकि सनराइजर्स की जीत का श्रेय आखिरी के ओवरों में बेहद कसी हुई गेंदबाजी करने वाले भुवनेश्वर और ईशांत को जाता है.
भुवनेश्वर ने चार ओवरों में 20 रन देकर एक विकेट हासिल किया. परवेज रसूल ने भी भुवनेश्वर के आंकड़ों को दोहराते हुए चार ओवर में 20 रन देकर एक विकेट लिया. इससे पहले, सनराइजर्स ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनते हुए निर्धारित 20 ओवरों में चार विकेट खोकर 163 रन बनाए.
शिखर धवन (13) ने कप्तान डेविड वार्नर (17) के साथ शुरुआत तो अच्छी की, लेकिन वे डेयरडेविल्स के अनुभवी गेंदबाज जहीर खान ने चौथे ओवर की पांचवीं गेंद पर धवन को एल्बी मोर्कल के हाथों कैच करा हमेशा की तरह अपनी टीम को पहली सफलता दिला दी. अगले ही ओवर में नाथन कोल्टर नील की गेंद पर वार्नर भी सौरभ तिवारी को कैच थमा बैठे.
पिछले मैच के हीरो रहे इयान मोर्गन (22) ने इसके बाद मोएसिस हेनरिक्स के साथ तीसरे विकेट के लिए 33 रन जोड़ टीम को स्थिरता प्रदान करने की कोशिश की, हालांकि इस बीच वे रन गति नहीं बढ़ा सके. बदलाव के रूप में शामिल किए गए जयंत यादव ने अपने आखिरी ओवर में मोर्गन को कोल्टर नील के हाथों कैच करा इस साझेदारी को तोड़ा. जयंत ने इस बीच बेहद कसी हुई गेंदबाजी की और चार ओवरों में मात्र 19 रन दिए.
हेनरिक्स ने इसके बाद कर्ण शर्मा (16) के साथ चौथे विकेट के लिए 34 और रवि बोपारा (नॉटआउट 17) के साथ पांचवें विकेट के लिए 30 गेंदों में तेज गति से 64 रनों की साझेदारी निभाई और टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया.
अर्धशतक पूरा करने के बाद हेनरिक्स ने बल्ले का मुंह खोलते हुए आखिरी के दो ओवरों में 32 रन जोड़े. हेनरिक्स ने 46 गेंदों की अपनी आकर्षक पारी में एक चौका और पांच छक्के जड़े. बोपारा 11 गेंदों में एक बाउंड्री हासिल कर सके. डेयरडेविल्स के लिए कोल्टर नील ने दो जबकि जहीर ने एक विकेट हासिल किया. हालांकि प्रभावशाली गेंदबाजी जयंत की रही.