पूर्व कप्तान कपिल देव ने भारत के लगातार लचर प्रदर्शन पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि विश्व कप 2011 में जीत के बाद भारतीय क्रिकेटर फोकस खो बैठे और उन्हें अपनी जिम्मेदारी याद नहीं रही.
कपिल ने कहा कि विश्व कप के बाद भारत का हर खिलाड़ी अपना फोकस खो बैठा. किसकी क्या जिम्मेदारी है, वे भूल गये. वे अपने आप में मस्त हो गये. क्रिकेट एक टीम गेम है. उन्हें एक टीम की तरह खेलना चाहिए.
इस महान आलराउंडर ने सिएट क्रिकेट अवार्डस के दौरान चर्चा में कहा कि भारत नंबर एक टीम थी और उसे अपना यह स्तर बनाये रखना चाहिए था लेकिन वे ऐसा नहीं कर पाये. कपिल ने इसके साथ ही भारतीय उपमहाद्वीप में विदेशी कोच रखने की परपंरा पर भी कड़ा प्रहार किया. उन्होंने इस संबंध में पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की भी आलोचना की जिनके कप्तान रहते हुए पहली बार भारतीय टीम ने जान राइट के रूप में विदेशी कोच रखा था.
कपिल ने कहा कि गांगुली ने विदेशी कोच बुलाकर सही नहीं किया था. हमारे यहां भी कई खिलाड़ी हैं जो बेहतर कोच साबित हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि मुझे तो पहले कोच शब्द पर ही आपत्ति है. उसे आप मैनेजर कह सकते हो कोच नहीं. फिर वाटमोर हों या फ्लैचर वे सारी चीज नहीं जानते. मेरे विचार में आपका सबसे अच्छा कोच आपका साथी खिलाड़ी होता है जो आपकी कमजोरियों को अच्छी तरह से समझ सकता है. इसके अलावा भाषा की समस्या के कारण भी विदेशी कोच उपमहाद्वीप में सफल नहीं हो पाते.
अकरम ने कहा कि बाद में मैने नजीर से पूछा कि क्या उसकी कुछ समझ में आया तो उसने कहा कि नही. मैंने पूछा कि फिर हां के लिये सिर क्यों हिला रहे थे. उसने कहा कि भाई यदि न कहता तो वह आधे घंटे और समझाता और तब भी मैं कुछ समझ नहीं पाता.
अकरम ने इसके साथ ही कहा कि उन्होंने जावेद मियादाद से जुझारूपन और इमरान खान से स्विंग की कला सीखी. उन्होंने कहा कि कि हाल में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में भारत की हार का कारण उसके गेंदबाजों का रिवर्स स्विंग में निपुण नहीं होना था. उन्होंने कहा कि आपने गौर किया होगा कि जब इंग्लैंड गेंदबाजी कर रहा था तो गेंद का एक हिस्सा चमक रहा था और दूसरा खुरदुरा था. भारत के मामले में ऐसा नहीं था. रिवर्स स्विंग पूरी टीम के प्रयास से की जाती है. इसके लिये लगातार गेंद का एक हिस्सा चमकाना पड़ता है.
पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने इस अवसर पर लंबी पारियां खेलने के राज का भी खुलासा किया. उन्होंने कहा कि मैं खुद से कहता था कि सनी 40-45 मिनट गेंदबाजों को दे दो और अगले चार-पांच घंटे तेरे होंगे.
पाकिस्तान के पूर्व सलामी बल्लेबाज सईद अनवर ने कहा कि उन्होंने भारत के खिलाफ खेलने का हमेशा मजा लिया. भारत के खिलाफ ही चेन्नई में 194 रन की रिकार्ड पारी खेलने वाले अनवर ने कहा कि जब मैंने 194 रन की पारी खेली तब भी मुझे बहुत मजा आया. हम 1996 के विश्व कप में भारत से हार गये थे लेकिन उस मैच को खेलने में भी मजा आया था.
उन्होंने कहा कि मुझे हमेशा अपने सीनियर साथियों का सहयोग मिला. मैंने कभी व्यक्तिगत रिकार्ड पर ध्यान नहीं दिया. मैं बस जीतना चाहता था. मैं विजयी टीम का हिस्सा बनना चाहता था.
पूर्व पाकिस्तानी कप्तान इंजमाम उल हक ने कहा कि हम जब 1992 का विश्व कप फाइनल खेल रहे थे तो इमरान भाई ने मुझसे कहा कि स्टेडियम में मौजूद 90 हजार दर्शक तुम्हें देखने आये हैं और तुम्हें अच्छा प्रदर्शन करना है, इससे मेरा हौसला बढ़ा था. इंजमाम ने कहा कि उनके लिये 2004-05 का भारतीय दौरा यादगार रहा क्योंकि उसी श्रृंखला में उन्होंने अपना 100वां टेस्ट मैच खेला था.