भारतीय महिला हॉकी टीम जब दो अप्रैल से न्यूजीलैंड में हाकेज बे कप में अभियान शुरू करेगी तो उसका एजेंडा अच्छा प्रदर्शन कर रियो ओलंपिक की तैयारियों की सकारात्मक शुरुआत करने का होगा.
टूर्नामेंट में जाने से पहले टीम के थिंक टैंक के दिमाग में दो चीजें ज्यादा महत्वपूर्ण होंगी, एक तो खिलाड़ियों की फिटनेस और दूसरा शॉर्ट कार्नर को गोल में तब्दील करना. हाल में ट्रेनिंग और तैयारियों के अभ्यास शिविर के दौरान मुख्य कोच नील हागवुड, उनका कोचिंग स्टाफ और टीम के सीनियर सदस्यों ने इन दो चीजों पर विशेष ध्यान दिया था.
वर्ल्ड रैंकिंग में 13वें स्थान पर काबिज भारत को अगर चौथी रैंकिंग की ब्लैक स्टिक्स और इनसे एक स्थान पीछे काबिज चीन को पराजित करना है तो उन्हें पूरे मैच के दौरान अपनी आक्रामकता को बरकरार रखने की जरूरत होगी. यहां तक कि भारत से नीचे स्थान की टीम आयरलैंड चौंकाने वाले परिणाम लाने योग्य है.
रितु रानी की अनुपस्थिति में हाकेज बे कप में भारतीय टीम की अगुवाई करने वाली दीपिका ने कहा, ‘बीते समय में हमने फिटनेस के कारण कुछ अहम मैच गंवाए हैं और पेनल्टी कार्नर को गोल में तब्दील नहीं कर सके. इस शिविर में हम इन दो अहम पहलुओं पर अतिरिक्त ध्यान दे रहे हैं. बल्कि आप यह कह सकते हैं कि हमारे मुख्य कोच नील हागवुड इन शिविरों में फिटनेस के स्तर में सुधार के लिए काफी जुनूनी थे.’
इनपुटः भाषा