भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में जिस तरह से आत्मसमर्पण किया उसकी पूर्व क्रिकेटरों ने कड़ी आलोचना की और इनमें से कुछ ने 15 अगस्त से ओवल में शुरू होने वाले पांचवें और आखिर टेस्ट मैच में टीम की वापसी की क्षमता पर सवालिया निशान लगा दिया है. जब पांच मैचों की सीरीज 1-1 से बराबरी पर थी तब भारत ने चौथे टेस्ट मैच में बेकार प्रदर्शन किया और उसे तीन दिन के अंदर पारी और 54 रन से हार का सामना करना पड़ा. इस हार से भारतीय टीम के जज्बे पर निश्चित रूप से कुछ सवाल उठे हैं.
पूर्व भारतीय विकेटकीपर विजय दहिया ने कहा, ‘इस श्रृंखला में टेस्ट मैचों के बीच इतना कम समय है कि नेट्स पर अतिरिक्त समय तक बल्लेबाजी करने से भी भारतीय बल्लेबाजों को मदद नहीं मिलेगी.’ उन्होंने कहा, ‘जब बल्लेबाज रन नहीं बना रहा होता है और एक ही तरह से आउट होता है तो फिर चीजें तकनीकी तौर पर चुनौतीपूर्ण बन जाती हैं और जब आप इस तरह से लगातार एक के बाद एक टेस्ट मैच खेलते हो तो फिर आपके पास अपनी तकनीक पर काम करने और उसे लागू करने का समय नहीं होता है. ऐसे में यह अपने जज्बे को दिखाने और अनुशासन पर ध्यान देने तक सीमित रह जाता है लेकिन अभी भारतीय टीम में इनकी कमी दिख रही है.’
उप कप्तान विराट कोहली बुरे दौर से गुजर रहे हैं लेकिन दहिया का मानना है कि दबाव के कारण यह प्रतिभाशाली बल्लेबाज बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है. उन्होंने कहा, ‘कोहली पर इस सीरीज को लेकर काफी दबाव था. उससे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जा रही थी लेकिन वह अधिक रन नहीं बना पा रहा है और प्रत्येक पारी में लगभग एक तरह से आउट हो रहा है. उसके लिये तकनीक के बजाय यह मानसिकता से जुड़ा पहलू है.’
दहिया ने कहा, ‘उस पर बहुत अधिक दबाव है. उन्हें इससे खुद निबटना होगा. इसका एक तरीका सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ की तरह अनुशासित बल्लेबाजी करना है. यदि कोई शॉट आपको परेशानी में डाल रहा है तो उसे नहीं खेलो. लेकिन सवाल यह है कि क्या उसमें ऐसा करने के लिये अनुशासन है.’ चेतेश्वर पुजारा भी नहीं चल रहा है. उनके बार में दहिया ने कहा, ‘पुजारा की समस्या और बुरी है. वह अच्छी शुरुआत करके विकेट गंवा रहा है. इसकी वजह एकाग्रता की कमी और खराब शॉट का चयन है. इससे यह भी पता चलता है कि हमारे सलामी जोड़ी कितनी असफल हो रही है जिससे इन दोनों बल्लेबाजों की भी परेशानी बढ़ गयी है.’