अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने बेहतर प्रशासन के लिए अपने ढांचे में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिससे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के राजस्व और अधिकारों के नियंत्रण में भारत की भूमिका अहम हो जाएगी. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन जुलाई से आईसीसी बोर्ड का अध्यक्ष पद संभालेंगे.
पाकिस्तान, श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका के कड़े विरोध के बावजूद आईसीसी के ढांचे में बदलाव के विवादित प्रस्ताव को कार्यकारी बोर्ड की बैठक में मंजूरी दे दी गई. इसे आईसीसी के दस पूर्णकालिक सदस्यों में से आठ का समर्थन मिला, जबकि पाकिस्तान और श्रीलंका ने बैठक में भाग नहीं लिया. इस प्रस्ताव के प्रमुख बिंदुओं में कार्यकारी समिति और वित्त तथा वाणिज्यिक मामलों की समिति का गठन शामिल है.
बयान में कहा गया है कि बीसीसीआई, सीए और ईसीबी दोनों उप समितियों में रहेंगे जबकि दो अन्य प्रतिनिधि पूर्णकालिक सदस्यों में से होंगे जिन्हें बोर्ड चुनेगा. आईसीसी ने एक बयान में कहा कि एक नई कार्यकारी समिति का गठन किया जाएगा, जो बोर्ड को रिपोर्ट करेगी. कार्यकारी समिति के पहले अध्यक्ष क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के वेली एडवर्डस होंगे, जबकि वित्त और वाणिज्यिक मामलों की समिति के अध्यक्ष ईसीबी के जाइल्स क्लार्क ही बने रहेंगे. ये दोनों पहले दो साल तक अध्यक्ष रहेंगे.
बदलाव का यह दौर पूरा होने के बाद आईसीसी बोर्ड के अध्यक्ष का चयन आईसीसी बोर्ड में से होगा और सभी पूर्णकालिक सदस्य निदेशकों को चुनाव में खड़े होने का अधिकार होगा. अब संबंधित प्रस्तावों को उनसे जुड़ी समितियों और बोर्ड के पास भेजा जाएगा और फिर मंजूरी के लिए परिषद के सामने रखा जाएगा. प्रस्ताव के अन्य अहम बिंदुओं में खेल के पारंपरिक प्रारूप को बचाने के लिए टेस्ट क्रिकेट कोष का गठन शामिल है, जिसमें एसोसिएट सदस्यों को टेस्ट खेलने का मौका मिलेगा, पूर्णकालिक सदस्यों के लिए नया वित्तीय मॉडल बनाया जाएगा.
आईसीसी ने यह भी कहा कि सभी पूर्णकालिक सदस्यों ने इसकी पुष्टि की है कि वे जल्दी ही द्विपक्षीय श्रृंखलाओं के लिये करार करेंगे ताकि फ्यूचर टूर्स कार्यक्रम का व्यापक शेड्यूल बनाया जा सके, जो अब 2023 तक के लिए होगा. आईसीसी ने विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप की जगह 2017 और 2021 में चैम्पियंस ट्राफी के आयोजन का भी फैसला किया है.
बयान में कहा गया है कि टेस्ट क्रिकेट में चार टीमों के फाइनल्स वाला प्रारूप तैयार कर पाना संभव नहीं था, जो टेस्ट क्रिकेट की आत्मा को बरकरार रख सके. इसमें कहा गया है कि आईसीसी चैम्पियंस ट्राफी, आईसीसी क्रिकेट विश्व कप और आईसीसी टी20 विश्व कप के वेन्यू तय हो चुके हैं लिहाजा 2015 से 2023 तक आईसीसी के पास लुभावना पैकेज है. प्रस्ताव में प्रमुख एसोसिएट सदस्यों को सहयोग बढाने की भी बात कही गई है.
आईसीसी का दावा है कि एसोसिएट और एफीलिएट देशों को सीधे मिलने वाले कोष में इजाफा किया जाएगा. उनके लिए टूर्नामेंटों के आयोजनों के अलावा कई सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी. इसके तहत अब एसोसिएट सदस्य टेस्ट क्रिकेट खेल सकेंगे. अगले आईसीसी इंटर कांटिनेंटल कप के विजेता को पूर्ण सदस्यों में सबसे निचली रैंकिंग वाली टीम के साथ प्लेआफ खेलने का मौका मिलेगा और सफल रहने पर टेस्ट दर्जा भी मिल सकता है.
आईसीसी अध्यक्ष एलेन इसाक ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि बोर्ड ने आज कुछ अहम फैसले लिए हं, जिससे भविष्य में प्रशासन, प्रतिस्पर्धा और आईसीसी के आर्थिक मॉडल को लेकर हमें दीर्घकालिन निश्चितता मिलेगी. उन्होंने कहा कि यह फैसला सदस्यों के बीच लंबी बातचीत के बाद लिया गया. आठ पूर्ण सदस्यों ने इस प्रस्ताव को सहमति दी, जबकि बैठक में भाग नहीं लेने वाले दो सदस्यों ने इस पर भविष्य में और बातचीत करने की बात कही है ताकि सर्वसम्मति तक पहुंचा जा सके.
आईसीसी सीईओ डेविड रिचर्डसन ने कहा कि हमें अब बोर्ड से स्पष्ट निर्देश मिल गया है और हमारा काम मंजूर प्रस्ताव को लागू करना है. आईसीसी ने कहा कि प्रस्ताव बीसीसीआई, सीए और ईसीबी के प्रमुख श्रीनिवासन, एडवर्डस और क्लार्क ने तैयार किया है, जिसे नौ जनवरी को पूर्ण सदस्यों की बैठक में रखा गया था.