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भारत के टेनिस खिलाड़ी कॉमनवेल्‍थ में खेलने को राजी

भारत के चोटी के टेनिस खिलाड़ी अब कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स में भाग लेने पर सहमत हो गए हैं. खेल मंत्रालय ने भरोसा दिलाया है कि इन्‍हें उचित राशि का भुगतान किया जाएगा.

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भुगतान विवाद को लेकर चल रहे विवाद को खत्म करते हुए विद्रोह पर आमादा भारतीय टेनिस खिलाड़ियों ने शनिवार को खेल मंत्रालय से आश्वासन मिलने के बाद कहा कि वे डेविस कप और राष्ट्रमंडल खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे.

लिएंडर पेस, महेश भूपति, सोमदेव देववर्मन और रोहन बोपन्ना ने एटा को लिखे संयुक्त पत्र में धमकी दी थी कि राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों के लिये उनका बकाया नहीं मिलने पर वे खेलों में भाग नहीं लेंगे.

चारों खिलाड़ियों ने संयुक्त बयान जारी करके कहा कि वे खेलों में हिस्सा लेंगे. उन्होंने हालांकि ‘निजी’ ईमेल लीक करने और मंजूरी के लिये समय पर बिल सरकार के पास जमा नहीं कराने के लिये अखिल भारतीय टेनिस संघ को आड़े हाथों लिया.

उन्होंने कहा कि वे एटा को बिल जमा कर चुके थे जिस पर जिम्मेदारी थी कि वह उनका भुगतान सुनिश्चित करें.

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उन्होंने कहा, ‘हमने एटा को पत्र लिखकर चिंता जताई थी कि हमें पिछले डेढ़ साल में हुए खर्च का भुगतान नहीं मिला है.’ खिलाड़ियों ने कहा, ‘हमने एटा में इस दौरान अलग अलग लोगों को बिल जमा किये.

{mospagebreak}एटा ने हमें भारतीय टीम का सदस्य चुना है तो उसे यह सुनिश्चित करना चाहिये कि वह अपना वादा पूरा करे.’ खिलाड़ियों ने कहा, ‘हम तमाम अटकलों को खत्म करके यह पुष्टि करना चाहते हैं कि ब्राजील के खिलाफ चेन्नई में सितंबर में होने वाले डेविस कप मुकाबलों में खेलेंगे.

खिलाड़ियों ने कहा कि खेल मंत्रालय के संयुक्त सचिव (अंतरराष्ट्रीय खेल प्रभाग) ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जल्दी ही सारे बकाया का भुगतान हो जायेगा. उन्होंने कहा, ‘जहां तक राष्ट्रमंडल खेलों का सवाल है तो श्री राहुल भटनागर ने निजी तौर पर हमें कहा है कि एटा की ओर से सारे बिल मिलने के बाद भुगतान को लेकर कोई दिक्कत नहीं होगी.’ उन्होंने कहा, ‘यह मसला खिलाड़ियों और महासंघ के बीच का था.

यह बेहद निराशाजनक है कि एटा और हमारे बीच की बातचीत एटा कार्यालय से मीडिया को उजागर कर दी गई.’ खिलाड़ियों ने कहा, ‘हम मीडिया में यह मसला उछालना नहीं चाहते थे. हमें उम्मीद है कि हमारी वाजिब चिंताओं पर महासंघ पारदर्शी तरीके से बिना देर किये गौर करेगा.’ इस बीच एटा महासचिव अनिल खन्ना ने खिलाड़ियों के बयान का स्वागत करते हुए कहा कि वह खेल मंत्रालय के अधिकारियों से इस बारे में बात करेंगे.

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उन्होंने कहा, ‘मुझे खिलाड़ियों का बयान सुनकर खुशी हुई है. मुझे यकीन था कि पिछले दो दशक में निस्वार्थ भाव से देश को अपनी सेवायें देने वाले खिलाड़ी आगे भी ऐसा करते रहेंगे.’

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