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अंदरूनी कारणों से ही धोनी को नहीं हटाया गया: अमरनाथ

पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता मोहिंदर अमरनाथ ने यह स्वीकार कर सनसनी फैला दी कि ‘कुछ अंदरूनी कारणों’ से ही चयन समिति ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में लगातार आठ शिकस्त के बाद महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय कप्तान के तौर पर नहीं हटाया था.

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महेंद्र सिंह धोनी
महेंद्र सिंह धोनी

पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता मोहिंदर अमरनाथ ने यह स्वीकार कर सनसनी फैला दी कि ‘कुछ अंदरूनी कारणों’ से ही चयन समिति ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में लगातार आठ शिकस्त के बाद महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय कप्तान के तौर पर नहीं हटाया था.

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भारत की 1983 विश्व कप जीत के नायक रहे अमरनाथ ने कहा, ‘निश्चित रूप से धोनी की जगह किसी अन्य को शामिल करने की चर्चा की गयी थी और लोग ऐसा करने के लिये सहमत भी थे लेकिन कुछ अंदरूनी कारण से ऐसा नहीं हो सका. मैं इन कारणों का खुलासा नहीं करूंगा. लेकिन जब समय सही होगा तो मैं इस देश के लोगों को इन कारणों से अवगत कराउंगा.’

अमरनाथ ने यह भी स्वीकार किया कि जब धोनी को हटाने की बात हुई तो चयन समिति पर कुछ बाहरी दबाव भी थे.

उन्होंने कहा, ‘भारतीय राजनीति और क्रिकेट, ये दोनों समान ही हैं. कुछ लोग हैं जो खेल को नियंत्रित कर रहे हैं और अन्य लोग कदम उठाने से डरते हैं.’

अमरनाथ ने कहा, ‘मुझे लगता है कि धोनी को टेस्ट से बतौर कप्तान हटा देना चाहिए. उसने टेस्ट स्तर पर कोई आक्रामक प्रदर्शन नहीं किया है. कप्तान का टीम में स्थान सुरक्षित होना चाहिए, लेकिन मुझे टीम में उसका स्थान सुरक्षित नहीं लगता. उसके पास टेस्ट क्रिकेट के लिये तकनीक ही नहीं हैं.’

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ऐसा माना जाता है कि 69 टेस्ट और 74 वनडे खेल चुके अमरनाथ चयन समिति के अध्यक्ष बनने की दौड़ में शामिल थे, लेकिन उन्हें बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के आदेश पर हटा दिया गया क्योंकि उनके धोनी के साथ मतभेद थे.

यह पूछने पर कि क्या किसी ने उन्हें चयन समिति के फैसले को नामंजूर करने के लिये संविधान दिखाया था तो उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, ‘मैं इस पर न तो सहमत हूं और न ही इससे इनकार करता हूं.’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन मुझे नहीं लगता कि कोई भी चयनकर्ता संविधान से वाकिफ है. मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो किसी के इशारे पर चलने में विश्वास नहीं करता. मैं अपना काम स्वतंत्रता से करना पंसद करता हूं. मुझे लगता कि चयनकर्ता के काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.’

अमरनाथ यह भी मानते हैं कि चयनकर्ताओं को सचिन तेंदुलकर से बात करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, ‘देखिये उम्र जिंदगी में सबकुछ करती है. हर खिलाड़ी जैसे जावेद मियांदाद, ब्रायन लारा के लिये तब मुश्किल हो गयी थी जब वे 35 की उम्र पार कर गये थे. इसलिये चयनकर्ताओं को सचिन से बात करनी चाहिए.’

अमरनाथ ने पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान धोनी की आलोचना की और भारतीय टीम के कप्तान के स्थान पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि वह अन्य हकदार विकेटकीपरों का प्रवेश रोक रहे हैं.

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अमरनाथ ने पूछा, ‘धोनी यह कहने वाला कौन है कि मैं टीम में बने रहना चाहता हूं और टीम की कप्तानी की चुनौती को लेना चाहता हूं? उसने क्या किया है?.’

धोनी ने कोलकाता में इंग्लैंड से मिली टीम की करारी शिकस्त के बावजूद कप्तानी से हटने से इनकार कर दिया था और जोर देते हुए कहा था कि वह इस चुनौती से भागना नहीं चाहते.

अमरनाथ ने कहा, ‘वह टीम में शामिल होने का हकदार नहीं है. देश में कहीं बेहतर विकेटकीपर बल्लेबाज हैं. उन्हें टीम में मौका नहीं मिल रहा क्योंकि वह (धोनी) कप्तान है.’

पूर्व भारतीय खिलाड़ी जैसे दिलीप वेंगसरकर और के श्रीकांत के भी धोनी के टीम में शामिल होने के संबंध में यही विचार हैं.

अमरनाथ का मानना है कि धोनी को कप्तानी बरकरार रखने देने का केवल एक ही कारण है, वह है पिछले साल टीम को मिली विश्व कप में जीत है.

उन्होंने धोनी के टेस्ट में निराशाजनक प्रदर्शन के बारे में बात करते हुए कहा, ‘वह पिछले एक साल से टीम की कप्तानी कर रहा है क्योंकि भारत ने विश्व कप जीता था. हम यहां एक दिवसीय क्रिकेट की बात कर रहे हैं, टेस्ट क्रिकेट की नहीं.’

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