अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक परिषद और भारतीय ओलंपिक संघ में अब भी आरोपी और सजायाफ्ता लोगों को लेकर मतभेद बने हुए हैं, लेकिन आईओसी ने भारत के ओलंपिक आंदोलन में वापसी के सकारात्मक संकेत दिए हैं. आईओसी ने उम्मीद जतायी कि आईओए के चुनाव पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार संपन्न होंगे.
आईओए ने आईओसी प्रतिनिधियों की मौजूदगी में अपनी आम सभा की महत्वपूर्ण बैठक में दो या इससे अधिक साल तक सजायाफ्ता व्यक्ति को चुनाव से बाहर रखने का प्रस्ताव लाकर आरोपी व्यक्तियों के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ करने की कोशिश की.
उसने इसके साथ ही भ्रष्टाचार और आपराधिक मामलों के लिये नैतिक आयोग के गठन का भी फैसला किया. आईओए ने उम्र और कार्यकाल पर आईओसी का अनुसरण करने का भी निर्णय किया. आईओसी के प्रतिनिधि फ्रांसिस्को जे एलिजाल्डे ने भी बैठक में लिये गये फैसलों पर संतोष व्यक्त किया. उन्होंने उम्मीद जतायी कि आईओए इन प्रयासों से ओलंपिक परिवार का हिस्सा बन सकेगा लेकिन उसकी वापसी कब होगी इस बारे में उन्होंने कोई समयसीमा नहीं बतायी.
एलिजाल्डे ने कहा, ‘मैंने कभी ऐसी बैठक में हिस्सा नहीं लिया, जिसमें इतनी अधिक भागीदारी हो. भारत बहुत बड़ा लोकतंत्र है. यहां सभी फैसले सर्वसम्मति से लिये गये. इस बैठक से मुझे सकारात्मक रुख दिख रहा है, लेकिन हम आईओसी को अपनी तरफ से सिफारिश नहीं कर सकते हैं. हम केवल रिपोर्ट सौंप सकते हैं. उम्मीद है कि भारत फिर से ओलंपिक परिवार में लौट सकेगा.’
फिलीपीन्स के एलिजाल्डे ने हालांकि आईओए को नैतिकता के उच्च मानदंड स्थापित करने की भी सीख दी, जिसने संशोधित मसौदा संविधान की उस शर्त को नहीं माना है, जिसमें कहा गया था कि पदाधिकारी या कार्यकारी परिषद के सदस्य पर भारत की किसी अदालत में उसके खिलाफ आरोप नहीं लगे होने चाहिए, जैसे कि आपराधिक या भ्रष्टाचार संबंधी अपराध जिसमें दोषी पाये जाने पर जेल की सजा का प्रावधान हो तथा उसे आपराधिक या भ्रष्टाचार के लिये सजा नहीं मिली हो.
आईओसी के नैतिक आयोग के भी सदस्य एलिजाल्डे ने कहा, ‘आईओसी और ओसीए भारत की ओलंपिक आंदोलन में वापसी के लिये मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि इस समस्या का समाधान निकल सके, लेकिन आईओए को भी नैतिकता के उच्च मानदंड स्थापित करने होंगे.’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि आईओए ने संशोधित मसौदे को पूरी तरह नामंजूर कर दिया है. कुछ मसले हैं जिन पर आईओए का रवैया भिन्न है. हम इस पर काम रहे हैं.’