अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने मंगलवार को कुश्ती को 2020 ओलंपिक खेलों के कार्यक्रम से हटा दिया.
इस फैसले से जुड़े एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि आईओसी कार्यकारी बोर्ड ने कुश्ती को हटाकर उसकी जगह पर मॉडर्न पेंटाथलन को फिर से ओलंपिक खेलों से जोड़ने का फैसला किया जिसे अधिक जोखिम वाला खेल माना जाता है.
अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर यह बात कही क्योंकि फैसले की अभी तक अधिकृत घोषणा नहीं की गयी है. आईओसी बोर्ड ने वर्तमान ओलंपिक कार्यक्रम के 26 खेलों की समीक्षा करने के बाद यह फैसला किया. एक खेल को हटाने से अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को इस साल के आखिर में कार्यक्रम में नया खेल जोड़ने का मौका मिलेगा.
कुश्ती में फ्रीस्टाइल और ग्रीको रोमन की स्पर्धाएं होती है. पिछले साल लंदन ओलंपिक में फ्रीस्टाइल में 11 स्वर्ण पदक और ग्रीको रोमन में छह स्वर्ण पदक दांव पर लगे थे. कुश्ती अब उन सात खेलों में शामिल हो गयी है जिन्हें 2020 खेलों में शामिल होने के लिये आवेदन करना होगा.
अन्य खेलों में बेसबाल एवं साफ्टबाल, कराटे, स्क्वाश, रोलर स्पोर्ट्स स्पोर्ट क्लाइम्बिंग, वेकबोर्डिंग और वुशु शामिल हैं. इनमें से किसी एक खेल को ही 2020 खेलों में जगह मिल पाएगी.
आईओसी कार्यकारी बोर्ड की रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बैठक होगी जिसमें 2020 खेलों में शामिल किये जाने वाले खेल का फैसला होगा. इस संबंध में आखिरी फैसला सितंबर में अर्जेंटीना के ब्यूनसआयर्स में आईओसी आम सभा में किया जाएगा.
आईओसी कार्यक्रम आयोग ने खेलों से जुड़े विभिन्न मानकों का अध्ययन किया. इनमें टेलीविजन रेटिंग, टिकट बिक्री, डोपिंग रोधी नीति तथा वैश्विक भागीदारी और लोकप्रियता भी शामिल हैं. आयोग की रिपोर्ट में कोई अधिकृत रैंकिंग या सिफारिश शामिल नहीं है, इसलिए पंद्रह सदस्यीय बोर्ड का फैसला राजनीतिक और भावनाओं से जुड़ा भी हो सकता है.
पहले माना जा रहा था कि मॉडर्न पेंटाथलन की करीबी समीक्षा की जा रही है. यह खेल 1912 के स्टाकहोम खेलों से ओलंपिक कार्यक्रम का हिस्सा है. इसकी शुरुआत फ्रांस के पियरे डि कूबर्टन ने करवायी थी जिन्हें आधुनिक ओलंपिक का जनक भी माना जाता है. मॉडर्न पेंटाथलन में तलवारबाजी, घुड़सवारी, तैराकी, दौड़ और निशानेबाजी शामिल है.
19वीं सदी में सेना का अधिकारी बनने के लिये इन पांचों कौशल का होना जरूरी था. इस खेल की सर्वोच्च संस्था यूआईपीएम ने इसका ओलंपिक दर्जा बचाने के लिये काफी कोशिशें की और आखिर में उनके प्रयास रंग लाये. यूआईपीएम के अध्यक्ष क्लास स्कोरमैन जर्मनी से लुसाने भी गये थे.