पिछले 9 सालों से लगातार आयोजित हो रहा बीसीसीआई का फटाफट क्रिकेट आईपीएल एक बार फिर देश के बाहर खेला जा सकता है. टी20 क्रिकेट के इस सबसे बड़े आयोजन को तीसरी बार विदेशी धरती पर आयोजित करने को लेकर आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के चर्चा करने की संभावना है. बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने इस बात का खुलासा किया है.
अनुराग ठाकुर ने बीसीसीआई के दिल्ली हेडक्वार्टर में गुरुवार को कहा, ‘आईपीएल गवर्निंग काउंसिल भारत और विदेश में जगहों को देखेगी. हमें जगहों की उपलब्धता और वहां के ताजा हालात को देखना होगा.
IPL का हो चुका है विदेश में आयोजन
आईपीएल दो बार भारत के बाहर खेला जा चुका है, दोनों बार उस दौरान भारत में विधानसभा चुनाव कराए गए थे. 2009 में लीग पूरे चरण के दौरान दक्षिण अफ्रीका में कराई गयी थी जबकि 2014 में यह पहले 15 दिन के लिए संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित की गई थी. बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारी इस मुद्दे पर विचार कर रहे हैं, यह तभी स्पष्ट हो गया था जब बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने चार दिन पहले ट्वीट किया था, ‘अगर ऐसा ही होता रहा तो जल्द ही आईपीएल देश के बाहर खेला जा सकता है. जीडीपी में कमी नहीं होगी.’
आईपीएल पर सूखे की मार!
आईपीएल अपने शुरुआती वर्ष से ही एक के बाद एक विवाद में फंसा रहा है लेकिन इस साल विभिन्न संस्थाओं द्वारा दायर की गई जनहित याचिकाओं ने इसके कार्यक्रम को अव्यवस्थित कर दिया.
पहले ही 12 आईपीएल मैच सूखा ग्रसित महाराष्ट्र से बाहर कर दिए गए हैं, ऐसा बम्बई हाई कोर्ट के आदेश के बाद किया गया. एक जनहित याचिका में दावा किया गया था कि राज्य में विभिन्न क्रिकेट स्टेडियमों की पिच के रखरखाव के लिए काफी पानी का इस्तेमाल किया जाएगा. ठाकुर ने कहा, ‘मैंने राज्य इकाइयों को जल-संचयन (वाटर हारवेस्टिंग) ढांचे को देखने को कहा है.’
‘हो सकती है क्रिकेटरों के वेतन में कटौती’
बीसीसीआई सचिव ने यह भी कहा कि अगर लोढ़ा समिति की विज्ञापनों में कटौती करने की सिफारिशों को लागू किया गया तो इसका बीसीसीआई के राजस्व ढांचे पर बहुत नकारात्मक असर पड़ेगा.
ठाकुर ने कहा, ‘हमें पूर्व खिलाड़ियों (पूर्व टेस्ट और फर्स्ट क्लास क्रिकेटरों) को दी जाने वाली पेंशन के बारे में दोबारा विचार करना होगा. अगर बीसीसीआई लोढ़ा समिति की सिफारिशों को इनके मूल रूप में लागू करता है तो 2017 के बाद प्रसारण अधिकारों की कीमत बहुत कम होगी. यह भी समझा जा सकता है कि मौजूदा खिलाड़ियों के वेतन और आईपीएल फ्रेंचाइजी के लिए भी कटौती की जा सकती है.’
गौरतलब है कि खिलाड़ियों को बीसीसीआई की सालाना कमाई का 26 फीसदी अपने वेतन के रूप में मिलता है. इतना ही नहीं आईपीएल फ्रेंचाइजी को भी बीसीसीआई के राजस्व का हिस्सा मिलता है.