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IPL 7: 3 बॉल डॉट जातीं तब भी जीत सकती थी मुंबई इंडियंस, जानें कैसे?

मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल्स के बीच हुआ आईपीएल का आखिरी लीग मुकाबला टूर्नामेंट का सबसे रोमांचक मैच साबित हुआ. नाटकीय अंदाज में मुंबई इंडियंस ने राजस्थान रॉयल्स को 5 विकेट से हराकर प्ले ऑफ के लिए क्वालीफाई कर लिया.

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जीत के बाद जश्‍न मनाते मुंबई के बल्‍लेबाज आदित्‍य तरे
जीत के बाद जश्‍न मनाते मुंबई के बल्‍लेबाज आदित्‍य तरे

मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल्स के बीच हुआ आईपीएल का आखिरी लीग मुकाबला टूर्नामेंट का सबसे रोमांचक मैच साबित हुआ. नाटकीय अंदाज में मुंबई इंडियंस ने राजस्थान रॉयल्स को 5 विकेट से हराकर प्ले ऑफ के लिए क्वालीफाई कर लिया.

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नाटकीय अंदाज में जीत
राजस्थान रॉयल्स ने पहले खेलते हुए 189 रन का विशाल टारगेट दिया. नेट रन रेट के आधार पर प्ले ऑफ में पहुंचने के लिए जो भी टारगेट मिलता उसे मुंबई को 14.3 ओवरों (87 गेंदों) में हासिल करना था. मुंबई इंडियंस को 87 गेंदों में 190 रन बनाने थे. मुंबई की पारी की 87वीं गेंद पर अंबाती रायडू रन आउट हो गए. इस पर मैच रेफरी ने कहा कि यदि अगली गेंद पर मुंबई इंडियंस चार रन बना लेती है तो वह प्ले ऑफ में पहुंच जाएगी. बल्लेबाजी करने आए आदित्य तारे ने छक्का जड़ दिया और मुंबई इंडियंस प्ले ऑफ में पहुंच गई.

लेकिन क्यों मिली मुंबई को एक्स्‍ट्रा बॉल (88वीं गेंद)
दरअसल नेट रन रेट (NRR) निकालते वक्त फाइनल स्कोर को देखा जाता है ना कि टारगेट को. फाइनल स्कोर ही असल नंबर होता है. लक्ष्य का पीछा कर रही टीम फाइनल स्कोर तक पहुंच जाती है और उसके पास टारगेट तक पहुंचने के लिए अगर कुछ और बॉल शेष रहती हैं तो उसके पास अपनी नेट रन रेट को और ऊपर लेकर जाने का मौका रहता है.

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14वें ओवर की तीसरी गेंद पर प्लेऑफ के लिए आवश्यक रन बनाने में नाकाम रही मुंबई 189 के स्कोर पर पहुंचकर नेट रन रेट के मामले में राजस्थान रॉयल्स से आगे हो गई थी. इस स्टेज पर मुंबई की नेट रन रेट 0.078099 थी जबकि राजस्थान की 0.076821 थी. अगर चौथी बॉल पर मुंबई सिंगल ले लेती तो उसे जीत तो मिल जाती लेकिन उसकी नेट रन रेट राजस्थान से कम रहती.

राजस्थान से अपनी नेट रन रेट बेहतर करने के लिए मुंबई को एक्स्ट्रा बॉल पर अपना स्कोर 191 तक ले जाना था. लेकिन यहां ट्विस्ट ये था कि 189 के स्कोर पर अटकी मुंबई के लिए दो रन से काम नहीं चलता क्योंकि टारगेट 190 का ही था. एक रन लेते ही उसे विजयी घोषित कर दिया जाता. ऐसे में उनके पास उस एक्स्ट्रा बॉस पर बाउंड्री मारने का ही ऑप्शन था.

अगर वह एक्स्ट्रा बॉल डॉट भी चली जाती तब भी मुंबई के पास 14वें ओवर की पांचवीं और छठी गेंद पर बाउंड्री जड़ने का मौका था. और अगर 14वें ओवर की आखिर तीनों गेंद डॉट चली जातीं तो मुंबई को अपनी नेट रन रेट राजस्थान से अच्छी करने के लिए 15वें ओवर की पहली गेंद पर छक्का जड़ना होता. अगर ऐसा हुआ होता तो मुंबई की नेट रन रेट 0.080519 होती और राजस्थान की 0.074163.

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अब मुंबई का अगला मुकाबला 28 मई को चेन्नई सुपरकिंग्स से होगा.

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