बीसीसीआई ने आईपीएल से पुणे वारियर्स का अनुबंध रद्द कर दिया क्योंकि सहारा के स्वामित्व वाली यह फ्रेंचाइजी भुगतान करने में नाकाम रही और उसने अगले सत्र के लिए बैंक गारंटी देने से भी इनकार कर दिया.
बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि यह फैसला यहां क्रिकेट बोर्ड की शक्तिशाली कार्य समिति की बैठक के दौरान किया गया. पुणे वारियर्स और बीसीसीआई के बीच टकराव की स्थिति थी क्योंकि बोर्ड ने फ्रेंचाइजी फीस का भुगतान नहीं करने पर बैंक गारंटी भुना ली थी.
सहारा समूह ने इसके बाद आईपीएल से हटने की घोषणा की थी. उसने हालांकि बीसीसीआई का आधिकारिक रूप से जानकारी नहीं दी. बीसीसीआई ने इसके बाद अगले साल लीग का हिस्सा बने रहने के लिए सहारा से 170.2 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी मांगी थी. बीसीसीआई ने इसके बाद भुगतान के लिए कई बार सहारा को याद दिलाया और फिर अंतत: उसका आईपीएल अनुबंध रद्द कर दिया.
रविवार की बैठक में आईपीएल संचालन परिषद के सदस्य भी मौजूद थे जहां बोर्ड ने पुणे वारियर्स को 30 दिन का अनुबंध रद्द करने का नोटिस जारी किया. सहारा ने फ्रेंचाइजी फीस से संबंधी मध्यस्थता प्रक्रिया को पूरी करने की मांग की थी. सहारा का मानना था कि फ्रेंचाइजी फीस कम होनी चाहिए क्योंकि बीसीसीआई ने टीम को उतने आईपीएल मैच मुहैया नहीं कराए जितने मैचों का उसने वादा किया था.
बीसीसीआई और सहारा के बीच न्यायधीशों की नियुक्ति को लेकर मतभेद के कारण अब तक मध्यस्थता की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है. सहारा ने पुणे टीम को 2010 में लगभग 37 करोड़ डॉलर (लगभग 1702 करोड़ रुपये) में खरीदा था. यह आईपीएल की सबसे महंगी फ्रेंचाइजी थी और इसका अनुबंध रद्द होने से बीसीसीआई को भारी भरकम नुकसान होगा.