कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी टी-20 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया के साथ बांग्लादेश पहुंच चुके हैं. धोनी ने कहा है कि वो टी-20 वर्ल्ड कप के लिए तैयारी की कमी से परेशान नहीं हैं.
धोनी ने कहा कि उनकी टीम के लिए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का अनुभव ही काफी है. भारत में आईपीएल के रूप में टी-20 क्रिकेट का सबसे बड़ा आयोजन होता है लेकिन भारतीय टीम 2012 के टी-20 वर्ल्ड कप के बाद से अब तक सिर्फ पांच इंटरनेशनल टी-20 मुकाबले खेल सकी है. इनमें से चार तो पिछले साल के अंत में खेले गए थे.
ढाका पहुंचने के बाद धोनी ने कहा, 'आप देखिए तो पता चलेगा कि ज्यादातर टीमें ज्यादा टी-20 मैच नहीं खेलतीं. खासतौर पर हमारा प्रोग्राम जिस तरह का होता है, टी-20 मैचों के लिए स्थान बना पाना मुश्किल होता है. हम एक सीरीज में दो से अधिक मैचों को जगह नहीं दे सकते.'
कैप्टन कूल ने कहा, 'हम साल में 50 दिन आईपीएल खेलते हैं. आईपीएल में हम दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ियों के साथ इंटरनेशनल मानकों वाले मैच खेलते हैं. इससे हमें काफी फायदा मिलता है. हमें टी-20 का खासा अनुभव है और मैं मानता हूं कि तैयारियों की कमी का वर्ल्ड कप में हमारे प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ेगा.'
भारत ने 2007 में धोनी की कप्तानी में टी-20 वर्ल्ड कप जीता था लेकिन उसके बाद से भारतीय टीम तीन संस्करणों में सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच सकी. पिछले टी-20 वर्ल्ड कप में पांच में से चार मैच जीतने के बावजूद टीम इंडिया अंतिम-4 में जगह नहीं बना सकी थी.
धोनी मानते हैं कि जो बीत गई वो बात गई, वो टीम के लिए अनुभव के लिहाज से काफी अहम था. धोनी ने कहा, 'बीते संस्करण से हमने यही सीखा कि आप इस तरह के आयोजन में एक भी मैच गंवाने का जोखिम नहीं ले सकते. इससे आपके आगे जाने का रास्ता बंद होता है.' बांग्लादेश में 16 मार्च से शुरू हो रहे टी-20 वर्ल्ड कप में भारत को पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और मौजूदा चैंपियन वेस्टइंडीज के साथ एक ग्रुप में रखा गया है. भारत का पहला मैच 21 मार्च को पाकिस्तान से है.
धोनी मानते हैं कि उनकी टीम का ग्रुप काफी कठिन है और इस लिहाज से हर मैच अहम है. धोनी ने कहा, 'हमारे ग्रुप में काफी प्रतिस्पर्धा है. खासतौर पर हम अगर बीते संस्करण के अपने प्रदर्शन पर नजर रखें, जहां हमें एक मैच हारने के कारण बाहर जाना पड़ा था तो फिर हमारा काम और भी कठिन हो जाता है. हमें हर कदम सावधानी से रखना होगा.'