सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बीसीसीआई की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने एन. श्रीनिवासन को दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने का आदेश दिए जाने का अनुरोध किया था. साथ ही कोर्ट ने आईपीएल-6 में हुए कथित स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी मामलों की जांच के लिए गठित मुकुल मुद्गल समिति को अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश करने के लिए दो महीने का अतिरिक्त समय दिया. अदालत इस मामले की अगली सुनवाई अब 10 नवंबर को करेगी.
श्रीनिवासन को दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने के अनुरोध को भी ठुकराते हुए अदालत ने कहा कि वह आईपीएल मामले की जांच पूरी होने से पहले पद को नहीं संभाल सकते. दरअसल, श्रीनिवासन और बीसीसीआई ने कहा था कि चूंकि इस महीने के अंत में बोर्ड की सालाना बैठक होनी है इसलिए उन्हें पद दोबारा संभालने की अनुमति दी जाए.
बीसीसीआई की ओर से दलील पेश कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और ए. सुंदरम ने कहा कि अंतरिम अध्यक्ष शिवलाल यादव बोर्ड के कई विषयों से अनभिज्ञ हैं. ऐसे में सालाना बैठक से पहले श्रीनिवासन का पद संभालना जरूरी है.
अदालत ने हालांकि इस अनुरोध को ठुकराते हुए और अप्रैल में दिए अपने फैसले का हवाला देते हुए कहा कि जांच पूरा होने से पहले इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती. अदालत ने कहा, 'बोर्ड की सालाना बैठक हमारा विषय नहीं है.'
माना जा रहा है कि दो महीने का अतिरिक्त समय मिलने के बाद मुद्गल समिति अब कुछ मौजूदा भारतीय खिलाड़ियों से भी बात कर सकती है. भारतीय टीम फिलहाल इंग्लैंड में है.