नॉटिंघम टेस्ट के दूसरे दिन रवींद्र जडेजा और जेम्स एंडरसन के बीच हुए झगड़े में जडेजा को आईसीसी आचार संहिता श्रेणी-1 का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है. टीम इंडिया के इस ऑलराउंडर पर मैच के 50 फीसदी फीस का जुर्माना लगाया गया है.
इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद जडेजा पर श्रेणी-2 के उल्लंघन का आरोप लगा था. मामले की सुनवाई करते हुए मैच रेफरी डेविड बून ने कहा कि वह इससे सहमत नहीं है कि जडेजा ने श्रेणी-2 का उल्लंघन किया है. बून मे हालांकि कहा कि जडेजा जरूर खेल भावना के खिलाफ व्यवहार करने के दोषी हैं.
एंडरसन और जडेजा के बीच यह विवाद दोनों देशों के बीच जारी टेस्ट सीरीज के पहले मैच में सामने आया था. मैच के दूसरे दिन लंच के दौरान मैदान से बाहर जाते समय तेज गेंदबाज एंडरसन और जडेजा में कहा-सुनी हुई थी. इसके बाद भारतीय टीम ने एंडरसन के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग करने और धक्का देने का आरोप लगाया था.
इसके बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए मेजबान इंग्लैंड की ओर से भी जडेजा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी. गौरतलब है कि एंडरसन पर आईसीसी आचार संहिता के श्रेणी-3 का उल्लंघन करने का आरोप लगा है. इस मामले की सुनवाई 01 अगस्त को होनी है. एंडरसन अगर दोषी पाए जाते हैं तो उन पर दो से चार टेस्ट मैचों या चार से आठ वनडे मैचों तक का प्रतिबंध लग सकता है.
जडेजा पर जुर्माने से खफा BCCI कर सकता है अपील
बीसीसीआई ने साफ तौर पर कहा कि इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के साथ मैदान पर हुए विवाद के कारण रवींद्र जडेजा पर जुर्माना लगाने के फैसले से वह संतुष्ट नहीं है और वह इसके खिलाफ अपील कर सकता है. बीसीसीआई ने कहा कि वह पूरी तरह से जडेजा के साथ है जिस पर मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है. बोर्ड का मानना है कि जडेजा की गलती नहीं थी और वह पूरी तरह से उसके साथ है.