क्रिकेट से ज्यादा ग्लैमर का खेल माने जाने वाले आईपीएल के अगले सीजन में ना तो देर रात तक चलने वाली रंगीन पार्टियां होंगी और ना ही चीयरलीडर्स. आईपीएल और खेल की प्रतिष्ठा को बनाये रखने के लिए 'ऑपरेशन क्लीन-अप' के तहत ये फैसला लिया गया है.
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अंतरिम अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने सोमवार को कहा कि पिछले महीने सम्पन्न हुए आईपीएल-6 में उठे स्पॉट फिक्सिंग मामले के बाद आईपीएल की छवि सुधारने के तहत यह कदम उठाए गए हैं.
उन्होंने कहा कि मैच के दौरान टीम के डग-आउट और ड्रेसिंग रुम के आस-पास आने-जाने पर पाबंदी होगी तथा यह आदेश टीम के मालिकों पर भी लागू होगा. आईपीएल-6 के स्पॉट फिक्सिंग मामले में चेन्नई सुपर किंग्स के प्रमुख गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के सह मालिक राज कुंद्रा के निलंबन के बाद यह घोषणा की गई है.
खिलाड़ियों, अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ सख्त आचार संहिता लागू की जाएगी. खिलाड़ियों को उपहार लेने से प्रतिबंधित किया जाएगा और टूर्नामेंट शुरू होने से पहले खिलाड़ियों को अपने मोबाइल नंबर बीसीसीआई को बताने होंगे.
हितों के टकराव पर डालमिया ने कहा कि राष्ट्रीय चयनकर्ता आईपीएल की किसी टीम का हिस्सा नहीं होंगे. अब खिलाड़ियों को आईपीएल शुरू होने से पहले किसी अन्य संस्था से अपने वित्तीय हितों का बीसीसीआई के समक्ष खुलासा करना होगा और टीमों को अपनी ओर से खिलाड़ियों को दिए जाने वाले भुगतान से बीसीसीआई को अवगत कराना होगा.
आईपीएल शुरू होने से पहले सभी टीमों के कप्तानों की बैठक होगी. इसके अलावा खेल में भ्रष्टाचार के परिणामों की सूचना देने के लिए एक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा.
डालमिया ने कहा कि इसके अलावा अभी उन्हें कई मुद्दों पर खिलाड़ियों और टीम मालिकों से बात करनी है और इस कार्यक्रम को 'ऑपरेशन क्लीन-अप' कहा जाएगा. हालांकि डालमिया ने आईपीएल पर प्रतिबंध लगाने वाली बात पर कहा कि यह समस्या का सही समाधान नहीं है.