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चेहरों पर रंगत ले आई जयपुर में ऑस्ट्रेलिया पर ऐतिहासिक जीत

पुणे में 72 रनों की हार के बाद भारतीय खिलाडि़यों के चेहरे की रंगत उड़ गई थी. पुणे न गेंदबाजी अच्छी हुई, न ही बल्लेबाजी. सात मैचों की सीरीज में बुधवार को बारी थी जयपुर की. जयपुर में भारत के शेरों ने ऐसा कारनामा किया कि ऑस्ट्रेलियाई कप्तान जॉर्ज बैली को कहना पड़ा- समझ नहीं पा रहा हूं कि इस समय मैं क्या महसूस करूं.

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टीम इंडिया के जीत के हीरो...
टीम इंडिया के जीत के हीरो...

पुणे में 72 रनों की हार के बाद भारतीय खिलाडि़यों के चेहरे की रंगत उड़ गई थी. पुणे में न गेंदबाजी अच्छी हुई, न ही बल्लेबाजी. सात मैचों की सीरीज में बुधवार को बारी थी जयपुर की. जयपुर में भारत के शेरों ने ऐसा कारनामा किया कि ऑस्ट्रेलियाई कप्तान जॉर्ज बैली को कहना पड़ा- 'समझ नहीं पा रहा हूं कि इस समय मैं क्या महसूस करूं'.

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जयपुर में भी पुणे की ही तरह ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता. पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. फैसला काफी हद तक सही साबित हुआ. पहले पांच बल्लेबाजों ने पचासे जमाए और 50 ओवर में 5 विकेट खोकर 359 का पहाड़-सा स्कोर भारत के सामने खड़ा कर दिया. भारतीय बॉलर एक बार फिर नाकाम साबित हुए थे. भुवनेश्वर कुमार को छोड़कर किसी भी गेंदबाज का इकोनॉमी रेट 6 से नीचे नहीं रहा.

इस वक्त भारतीय प्रशंसकों के चेहरे से हवाइयां उड़ी हुई थीं. स्कोर बहुत बड़ा था और पुणे की हार अभी जेहन में ताजा ही थी. डर था कि यदि ये मैच भी हार गए क्या होगा.

आधे घंटे के लंच के बाद भारत बल्लेबाजी करने उतरा. टीम इंडिया के 'गब्बर' शिखर धवन के साथ रोहित शर्मा ओपनिंग करने आए. दोनों ने तेज और सधी हुई शुरुआत की. रन रेट 6 से ज्यादा ही रखा. इसकी जरूरत भी थी. इसी चक्कर में कई आड़े-तिरछे शॉट भी लगाए. शिखर धवन अभी अपना अर्धशतक भी पूरा नहीं कर पाए थे कि उनका एक बहुत आसान-सा कैच छूट गया.

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इसके बाद 'गब्बर' धवन ने सिर पर कफन बांध लिया और दनादन बल्लेबाजी शुरू कर दी. दूसरा छोर रोहित शर्मा ने संभाले रखा. विकेट हाथ में थे, स्कोर भी बन रहा था, पर धड़कनें तेज थीं. कुछ भी हो सकता था. ईधर भी उधर भी...

27वां ओवर शुरू हुआ. भारत 176 रन बना चुका था. इस ओवर की पहली ही गेंद पर शिखर धवन आउट हो गए. उन्होंने बेशकीमती 95 रन जोड़े, मगर शतक से चूक गए. नर्वस नाइंटी.

दिल्ली के शेर विराट कोहली आए और आते ही अपने इरादे जाहिर कर दिए. मैदान के चारों तरफ उन्होंने ऐसे शॉट्स खेले, मानो वे कॉस्को की बॉल से खेल रहे हों. पहले 27 गेंदों में फिफ्टी बनाई और फिर 52 गेंदों में 100 बना लिए. ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों को विकेट तो मिल ही नहीं रहे थे, वे चौके और छक्कों की बरसात को रोक पाने में भी पूरी तरह नाकाम साबित हो रहे थे.

रोहित शर्मा ने 123 गेंदों पर 141 (नॉट आउट) और विराट के 52 गेंदों पर पूरे 100 (नॉट आउट) रनों के साथ 44वां ओवर पूरा होने से पहले ही ऑस्ट्रेलिया का पहाड़ खाक में तब्दील कर दिया. मैदान में चारों तरफ जश्न का माहौल था और भारतीय खिलाडि़यों के चेहरों पर रंगत लौट आई थी. जाहिर है यह बड़ी और ऐतिहासिक अगले मैचों के लिए भारतीय शेरों का हौसला बुलंद करेगी.

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ऑस्ट्रेलिया ने 6 गेंदबाजों का इस्तेमाल किया. इनमें से एक भी बॉलर ऐसा नहीं था, जिसका इकोनॉमी रेट 7 से नीचे रहा हो. फिल्डिंग करते समय ऑस्ट्रेलियाई खिलाडि़यों को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था. पहली बार ऑस्ट्रेलिया की कमान संभाल रहे जॉर्ज बैली ने बाद में कहा- 'समझ में नहीं आ रहा, क्या महसूस करूं. भारतीय बल्लेबाजों ने अंत में तो कमाल ही कर दिया. हमने तो अपने सारे अस्त्र चला कर देख लिए थे, लेकिन सब व्यर्थ जा रहे थे.'

यदि आपको ध्यान हो तो पुणे के मैच में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने छोटी गेंदें डालकर भारतीय बल्लेबाजों को परेशान किया था. लेकिन जयपुर में छोटी गेंदें भी सीमा रेखा के बाहर नजर आ रही थीं.

शिखर धवन ने कहा, 'हमने पहले संभलकर शुरुआत की. जब टिक गए तो बड़े शॉट खेले. रोहित शर्मा ने बहुत अच्छे खेल का प्रदर्शन किया. मैं बहुत खुश हूं.'

मैंने कई स्टूपिड शॉट खेले: रोहित शर्मा
रोहित शर्मा ने कहा- 'मानता हूं कि मैंने कई स्टूपिड शॉट खेले, लेकिन ऐसे शॉट्स खेलना मैच की जरूरत थी.' रोहित शर्मा ने 'मैच ऑफ द मैच' चुने जाने के बाद कहा कि उन्हें इस लंबी पारी की बहुत जरूरत थी. वे 50 ओवर तक क्रीज पर टिके रहना चाहते थे.

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टारगेट मत देखो, बस खेलते जाओ: धोनी
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि उन्होंने बल्लेबाजों से कहा था, 'टारगेट मत देखा, बस खेलते जाओ. शिखर धवन और कोहली की पारियां उम्दा थीं. रोहित ने एक बड़ी पारी खेली. बल्लेबाजी के लिए यह एक अच्छी पिच थी. हम बॉलिंग में कमजोर रहे. इस क्षेत्र में मेहनत की जरूरत है.'

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