जेम्स एंडरसन-रवींद्र जडेजा विवाद से भारत और इंग्लैंड के बीच क्रिकेट मैदान पर तो तल्खी आई ही, इसका असर मैदान के बाहर भी देखने को मिल रहा है. नॉटिंघम वनडे मैच के दौरान एक बार फिर इंग्लैंड और भारतीय टीम के क्रिकेटरों के बीच बहस हो गई. वहीं जेम्स एंडरसन को घरेलू मैदान में दर्शकों की हूटिंग का सामना करना पड़ा.
कोहली और स्टोक्स के बीच बहस
विराट कोहली और इंग्लैंड के तेज गेंदबाज बेन स्टोक्स के बीच मैच के दौरान बहस हो गई जिसके बाद अंपायरों को घरेलू कप्तान और गेंदबाज से बात करनी पड़ी. तीसरे वनडे में जीत दर्ज करने वाला भारत जब लक्ष्य का पीछा कर रहा था तब कोहली 40 रन बनाने के बाद 26वें ओवर में स्टोक्स का शिकार बने. कोहली हालांकि जब ड्रेसिंग रूम में लौट रहे थे तब उन्हौंने इस तेज गेंदबाज की कही कोई बात सुनी. भारतीय बल्लेबाज इसके बाद कुछ देर तक अपना बल्ला उठाकर स्टोक्स की ओर बढ़ा. कोहली हालांकि इसके बाद सीमा रेखा की ओर मुड़ गए और उन्होंने वापस मुड़कर नहीं देखा लेकिन उन्हें देखकर स्पष्ट अंदाजा लगाया जा सकता था कि उन्होंने जो सुना उससे वह खुश नहीं थे. खबरों के मुताबिक स्टोक्स ने कोहली को उकसाया और टीवी रीप्ले में दिखाया गया कि इंग्लैंड के इस तेज गेंदबाज ने भारतीय बल्लेबाज को कुछ कहा. हालांकि यह स्पष्ट नहीं था कि उन्होंने क्या कहा. मैदानी अंपायर इंग्लैंड के माइकल गाफ और ऑस्ट्रेलिया के पॉल राइफल ने इसके बाद घरेलू कप्तान और स्टोक्स को बुलाया.
जेम्स एंडरसन की हुई हूटिंग
क्रिकेट में ऐसा विरले ही होता है जब किसी क्रिकेटर को अपने देश में ही हूंटिंग का सामना करना पड़े. इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरनस के साथ कुछ ऐसा ही हुआ. नॉटिंघम मैच के दौरान भारतीय प्रशंसकों ने जेम्स एंडरसन की हूटिंग की. एंडरसन जैसे ही आखिरी ओवर में नौवें नंबर के बल्लेबाज जेम्स ट्रेडवेल के आउट होने के बाद मैदान पर उतरे, भारत के समर्थकों ने उनकी हूटिंग शुरू कर दी.
आपको बता दें कि जुलाई में लॉर्ड्स पर दूसरे टेस्ट के दौरान जडेजा को भी स्थानीय दर्शकों से इसी तरह की हूटिंग झेलनी पड़ी थी. जडेजा और एंडरसन पहले टेस्ट के दूसरे दिन लंच के बाद मैदान पर लौटते समय एक दूसरे से उलझ गए थे. भारत ने जहां एंडरसन के आक्रामक रवैये का विरोध किया तो इंग्लैंड ने जडेजा के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया था. आईसीसी मैच रैफरी ने जडेजा पर मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया था जिसके खिलाफ बीसीसीआई ने अपील की थी. आईसीसी ने न्यायिक आयुक्त गोर्डन लुईस को नियुक्त किया था जिन्होंने खिलाडि़यों को क्लीन चिट दी थी.