रविंद्र जडेजा और जेम्स एंडरसन के बीच झगड़े को लेकर उठा तूफान अब जबकि थम गया है तब इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइक ब्रेयरली ने कहा कि इस तेज गेंदबाज को अपनी आक्रामकता देखने के लिये उत्साहित किया जाना चाहिए लेकिन सम्मान की कीमत पर नहीं.
ब्रेयरली ने ‘द टाइम्स’ में अपने कॉलम में लिखा है कि एंडरसन जब उचित सम्मान की सीमा पार कर जाता है तो फिर वह किसी के लिये आदर्श नहीं बन सकता. उन्होंने कहा, ‘इन गर्मियों में जब रविंद्र जडेजा के साथ झगड़ा पहली बार प्रकाशित हुआ तो इंग्लैंड के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रबंधन अपने मुख्य गेंदबाज का पक्ष लेगा.’
ब्रेयरली ने कहा, ‘मैं प्रतिस्पर्धा को लेकर सहमत हूं. एक शीर्ष खिलाड़ी में इसे होना चाहिए. इस तरह के रवैये में विरोधी के लिये सम्मान भी होना चाहिए. एंडरसन (और अन्य) को आक्रामकता के लिये उत्साहित कीजिए लेकिन इसके साथ ही उसकी कुछ हरकतों और टिप्पणियों का विरोध करना भी जरूरी है.’
ट्रेंटब्रिज में पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन जब खिलाड़ी लंच के लिये जा रहे थे तब एंडरसन ने कथित तौर पर जडेजा को अपशब्द कहे और उन्हें धक्का दिया. आईसीसी के न्यायिक आयोग ने हालांकि एंडरसन को दोषी नहीं करार दिया और बाद में आईसीसी ने भी बीसीसीआई के फैसले की समीक्षा करने की अपील को नामंजूर कर दिया.
उन्होंने कहा, ‘पहला, वे मैदान पर एंडरसन के आचरण से परेशान हो गये थे और दूसरा मैदान एक पवित्र स्थान होता है जहां आक्रामकता और प्रतिस्पर्धा नियमों और खेल भावना के तहत मैदान के बाहर के नीरस और विनम्र सामाजिक दायरे की तुलना में अधिक स्वतंत्रता के साथ व्यक्त की जा सकती है.’
ब्रेयरली ने कहा, ‘इसलिए एंडरसन को अपनी आक्रामकता का इस्तेमाल करने के लिये प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि वह अपने बेजोड़ कौशल का भरपूर इस्तेमाल कर सके लेकिन उसे सम्मान और हास्य की कीमत पर ऐसा करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.’