श्रीलंका के पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने ने सोमवार को दूसरे और अंतिम टेस्ट में पाकिस्तान पर श्रीलंका की 105 रन की जीत के साथ टेस्ट क्रिकेट को जीत के साथ अलविदा कहा. श्रीलंका ने सीरीज 2-0 से जीती. पिछले साल अप्रैल में विश्व टी20 चैम्पियनशिप में श्रीलंका की खिताबी जीत के साथ टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों से संन्यास लेने वाले 37 वर्षीय जयवर्धने अब अगले साल होने वाले वर्ल्ड कप तक सिर्फ वनडे क्रिकेट खेलेंगे.
श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे उन लगभग 4000 दर्शकों के बीच मौजूद थे जो कोलंबो के सिंहलीज स्पोर्ट्स क्लब पर आधुनिक युग के महान बल्लेबाजों में से एक की विदाई का साक्षी बनने पहुंचे थे.
दायें हाथ का यह बल्लेबाज दुनिया के उन पांच बल्लेबाजों में शामिल रहा जिन्होंने टेस्ट और वनडे दोनों प्रारूपों में 11 हजार से अधिक रन बनाए. जयवर्धने के अलावा सचिन तेंदुलकर, रिकी पोंटिंग, जाक कैलिस और कुमार संगकारा यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं. जयवर्धने ने 149 टेस्ट में 11814 रन बनाए जिसमें 34 शतक शामिल रहे. अंतिम टेस्ट में हालांकि चार और 54 रन की पारियां खेलने के बाद उनका औसत 50.02 से गिरकर 49.84 हो गया.
एसएससी पर ही जयवर्धने ने 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 374 रन की एतिहासिक पारी खेली थी और इस दौरान संगकारा (287) के साथ 624 रन की विश्व रिकार्ड साझेदारी भी की थी. जयवर्धने एसएससी पर 27 टेस्ट में 2921 रन बनाए जो किसी एक मैदान पर किसी एक बल्लेबाज द्वारा बनाए गए सर्वाधिक रन हैं. उन्होंने एसएससी पर 74.89 की औसत से रन बनाए.
जयवर्धन ने अपनी कप्तानी से भी पहचान बनाई. उन्होंने दो चरण में 38 टेस्ट में श्रीलंका की कप्तानी की. वह 2006 से 2009 तक टीम के कप्तान रहे जबकि 2012 में उन्होंने एक साल के लिए यह जिम्मेदारी संभाली. उनकी अगुआई में श्रीलंका ने 18 टेस्ट जीते जबकि 12 टेस्ट में टीम को हार का सामना करना पड़ा और आठ मैच बराबरी पर छूटे. कप्तान के रूप में जयवर्धने ने 59.11 की औसत से रन बनाए जिसमें 14 शतक शामिल रहे. जयवर्धने टेस्ट क्रिकेट में दूसरे सबसे सफल क्षेत्ररक्षक भी हैं. उनके नाम 205 कैच दर्ज हैं जो सिर्फ भारत के राहुल द्रविड़ (210) से कम हैं.
टीम के साथियों ने मैच के बाद जयवर्धने को कंधे पर उठाया और पूरी टीम ने मैदान पर विजयी चक्कर लगाया. पवेलियन लौटने पर राजपक्षे और अन्य सम्मानित अतिधियों ने गले मिलकर जयवर्धने को बधाई दी.