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...तो जितेंद्र तोड़ देंगे सुशील कुमार के टोक्यो ओलंपिक का सपना..?

जितेंद्र कुमार ने शुक्रवार को 74 किग्रा ट्रायल मुकाबले में जीत हासिल कर इटली में सत्र के शुरुआती टूर्नामेंट और यहां होने वाली एशियाई चैम्पियनशिप के लिए क्वालिफाई किया.

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Sushil Kumar (Reuters Photo)
Sushil Kumar (Reuters Photo)

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  • जितेंद्र कुमार ने एशियाई चैम्पियनशिप के लिए ट्रायल जीता
  • सुशील का मौका खत्म करने के लिए एक पदक की जरूरत

जितेंद्र कुमार ने शुक्रवार को 74 किग्रा ट्रायल मुकाबले में जीत हासिल कर इटली में सत्र के शुरुआती टूर्नामेंट और यहां होने वाली एशियाई चैम्पियनशिप के लिए क्वालिफाई किया, लेकिन अब उन्हें ओलंपिक क्वालिफिकेशन में अनुभवी सुशील कुमार का मौका खत्म करने के लिए एक पदक जीतने की जरूरत है.

विश्व चैम्पियनशिप स्टार दीपक पूनिया (86 किग्रा) और रवि दहिया (57 किग्रा) को जरा भी पसीना नहीं बहाना पड़ा क्योंकि उन्हें फाइनल में सीधे प्रवेश दे दिया गया, जिसमें उन्होंने आसानी से जीत हासिल की. सुमित मलिक (125 किग्रा) और सत्यव्रत कादियान (97 किग्रा) ने भी अपने प्रतिद्वंद्वियों पर शानदार जीत से अपना स्थान पक्का किया.

दिन के सबसे प्रतिस्पर्धी वर्ग में जितेंद्र ने फाइनल में अमित धनखड़ को 5-2 से शिकस्त दी. भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने पहले घोषणा की थी कि शुक्रवार को ट्रायल्स का विजेता इटली (15 से 18 जनवरी) में रैंकिंग सीरीज में, नई दिल्ली में 18 से 23 फरवरी तक होने वाली एशियाई चैम्पियनशिप और 27 से 29 मार्च तक जियान में होने वाले एशियाई ओलंपिक क्वालिफायर में भाग लेगा.

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लेकिन इसके अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने कहा कि वे जियान स्पर्धा से पहले फिर ट्रायल करा सकते हैं. इसका मतलब है कि अगर जितेंद्र को टोक्यो ओलंपिक क्वालिफिकेशन के लिए स्थान हासिल करना है तो उन्हें रोम और नई दिल्ली में पदक जीतकर डब्ल्यूएफआई को प्रभावित करना होगा.

शरण ने कहा, ‘अगर हमें लगता है कि हमारे पहलवानों का पहली दो प्रतियोगिताओं में प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है तो हम एशियाई ओलंपिक क्वालिफायर के लिए पहलवान चुनने के लिए फिर से ट्रायल करा सकते हैं. हम अपने बेहतरीन पहलवान भेजना चाहते हैं, ताकि भारत ओलंपिक के लिए अधिकतम कोटे हासिल कर सके.’

भारत के दो ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार ने चोट का हवाला देते हुए शुक्रवार को हुए ट्रायल में हिस्सा नहीं लिया. सुशील ने सितंबर 2019 में विश्व चैम्पियनशिप के लिए ट्रायल मुकाबले में जितेंद्र को हराया था.

उन्होंने कहा, ‘अगर हम ओलंपिक वर्गों में अपने पहलवानों के प्रदर्शन से खुश रहते हैं तो जिस वर्ग में कोटे नहीं हैं, हम उसके लिए ट्रायल नहीं कराएंगे. जहां तक सुशील का सवाल है तो किसी को भी ट्रायल्स में भाग लिए बिना ओलंपिक क्वालिफायर में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.’

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